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लातेहार के ग्रामीण इलाके में सड़क अभाव से मजबूर होकर बाँस की जाती पर माँ को अस्पताल पहुँचाने की घटना

#लातेहार #ग्रामीणसड़कसुविधा : पोचरा पंचायत के मरावर गांव में सड़क अभाव के कारण घायल महिला को बाँस की जाती पर ले जाकर अस्पताल पहुँचाया गया

पोचरा पंचायत के मरावर गांव में सड़क न होने की समस्या ने एक बार फिर ग्रामीणों की दुर्दशा को सामने ला दिया। 55 वर्षीय जितनी देवी का पैर फिसलकर टूट गया और रास्ते की खराब स्थिति के कारण उनके बेटों को बाँस की जाती बनाकर माँ को अस्पताल ले जाना पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि यह समस्या वर्षों से बनी हुई है और प्रशासन से कई बार इस संबंध में गुहार लगाई गई, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ।

ग्रामीणों की परेशानी

स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश के मौसम में सड़क की स्थिति और भी भयावह हो जाती है। ऐसे में बीमार और गर्भवती महिलाओं को इलाज तक पहुँचने में अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि, “आज भी हम सड़क और एंबुलेंस जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। जब घर में आपात स्थिति आती है तो हमें असमर्थता का सामना करना पड़ता है।”

सड़क सुविधा की कमी का असर

ग्रामीण इलाकों में सड़क और परिवहन सुविधाओं की कमी के कारण लोगों की जान-माल दोनों जोखिम में हैं। अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र तक पहुँचने के लिए स्थानीय लोग अक्सर असुविधाजनक और खतरनाक उपाय अपनाने को मजबूर हैं। जितनी देवी के मामले में जैसे ही उनके पैर में चोट लगी, बेटों को तुरंत और सुरक्षित रूप से अस्पताल पहुँचाने का कोई साधन न होने के कारण बाँस की जाती बनानी पड़ी।

स्थानीय ग्रामीण ने बताया: “बारिश में यह मार्ग और भी कठिन हो जाता है। बीमार या गर्भवती महिलाओं का इलाज कराना अब असंभव सा हो जाता है। प्रशासन से कई बार अनुरोध किया गया, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।”

प्रशासन से ग्रामीणों की अपेक्षाएँ

ग्रामीणों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि तत्काल सड़क निर्माण और आपातकालीन परिवहन की व्यवस्था की जाए। उनका कहना है कि यह केवल एक गांव की समस्या नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की जमीनी चुनौती है, जिसका समाधान समय रहते करना आवश्यक है।

न्यूज़ देखो: सड़क सुविधा की कमी ग्रामीण जीवन में पैदा करती है संकट

यह घटना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि लातेहार के ग्रामीण इलाकों में सड़क और आपातकालीन सेवाओं की कमी से लोगों का जीवन कितना कठिन है। प्रशासनिक दृष्टिकोण से यह आवश्यक है कि ग्रामीण इलाकों में सड़कों और स्वास्थ्य पहुँच को प्राथमिकता दी जाए

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