
#गिरिडीह #विकास_बैठक – समीक्षा में खुली योजनाओं की पोल, लापरवाह अधिकारियों को फटकार, जनता तक लाभ पहुँचाने पर ज़ोर
- बगोदर, डुमरी, बिरनी और बेंगाबाद प्रखंडों की विकास योजनाओं की विस्तृत समीक्षा
- मनरेगा, अबुआ आवास, बिरसा हरित ग्राम योजना में प्रगति धीमी मिलने पर कड़ी चेतावनी
- जियो टैगिंग और किस्त भुगतान में देरी पर उप विकास आयुक्त ने जताई नाराज़गी
- प्रधानमंत्री आवास योजना के डिलेयड मामलों को जल्द पूरा करने का निर्देश
- डीआरडीए निदेशक रंथू महतो ने पारदर्शिता और जवाबदेही को बताया सबसे अहम
- बैठक में पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सेवक और प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी मौजूद
योजनाओं के अमल में सुस्ती पर सवाल, अफसरों को चेतावनी
गिरिडीह के डीआरडीए सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में जब योजनाओं की फाइलें खुलीं, तो कई योजनाओं की प्रगति बेहद धीमी पाई गई। उप विकास आयुक्त स्मृता कुमारी ने बगोदर, डुमरी, बिरनी और बेंगाबाद प्रखंडों के अधिकारियों से योजना-वार जानकारी ली और मनरेगा, अबुआ आवास योजना समेत अन्य योजनाओं की स्थिति पर असंतोष जताया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी और प्रगति में तेजी लाना प्राथमिकता है।
मनरेगा की धीमी चाल पर तगड़ी फटकार
बैठक में मनरेगा की समीक्षा के दौरान सामने आया कि कई कार्यों में लंबे समय से कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। स्मृता कुमारी ने कहा:
“यदि योजनाएं समय पर पूरी नहीं हुईं, तो जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई तय है।”
उन्होंने निर्देशित किया कि पेंडिंग योजनाओं को चिन्हित कर जल्द से जल्द पूरा किया जाए, और रोजगार सेवक फील्ड में नियमित निरीक्षण करें।
अबुआ आवास योजना की जमीनी सच्चाई
अबुआ आवास योजना में 2023-24 और 2024-25 के आवासों की जियो टैगिंग और किस्तों के भुगतान में देरी पर उप विकास आयुक्त ने अधिकारियों से जवाब-तलब किया। उन्होंने कहा कि जिन आवासों को 1st, 2nd या 3rd किस्त मिल चुकी है, वे अभी तक पूरे क्यों नहीं हुए, इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। इसके अलावा लाभुकों को सही समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।
प्रधानमंत्री आवास योजना में पुराने मामलों को निपटाने का आदेश
बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की 2024-25 की लक्ष्य सूची की समीक्षा की गई। निर्देश दिया गया कि योग्य लाभुकों को तुरंत स्वीकृति दी जाए और अयोग्य लाभुकों को रिमांड किया जाए। स्मृता कुमारी ने यह भी कहा कि:
“2016 से 2022 के बीच के डिलेयड आवासों को प्राथमिकता पर पूरा करना होगा, ताकि जनता को वास्तविक लाभ मिल सके।”
डीआरडीए निदेशक की दो टूक – काम नहीं तो जवाबदेही तय होगी
निदेशक डीआरडीए रंथू महतो ने अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में चेताया कि अब तक की सुस्ती से सरकार की छवि खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि योजनाओं को लक्ष्य के अनुसार 100% प्रगति के साथ पूरा करना अनिवार्य है। बिरसा हरित ग्राम योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन के लक्ष्यों को पूरी पारदर्शिता से लागू करने को कहा।
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