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सिलदीली पंचायत के ठेकही गांव में ग्रामीणों ने अपने पैसों से सड़क मरम्मत का काम शुरू कर दिया

#पलामू #सड़क_मरम्मत : वर्षों से जर्जर सड़क की सुध न मिलने पर ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर सड़क मरम्मत में लिया जिम्मा

सिलदीली पंचायत के ठेकही टोला के ग्रामीण वर्षों से जर्जर और खस्ताहाल सड़क की समस्या से जूझ रहे थे। यह मार्ग शिव मंदिर से होते हुए स्कूल और सुदामा पाल के घर तक जाता है, लेकिन गड्ढों से भरा होने के कारण पैदल चलना भी मुश्किल हो गया था। हाल ही में ग्रामीण बैधनाथ मेहता की पत्नी और आंगनबाड़ी सेविका नीरा देवी इसी रास्ते पर फिसलकर घायल हो गए थे। लगातार ऐसी घटनाओं से नाराज होकर ग्रामीणों ने 6 अक्टूबर 2025 को शिव मंदिर प्रांगण में बैठक कर चंदा इकट्ठा कर सड़क मरम्मत का निर्णय लिया।

सड़क की स्थिति और इतिहास

ग्रामीणों ने बताया कि इस सड़क का निर्माण मिट्टी-मोरम से 1992-93 में हुआ था। इसके बाद अब तक कोई मरम्मत नहीं हुई। झारखंड बनने के बाद क्षेत्र की जनसंख्या बढ़ी और मतदान बूथ भी बन गया, लेकिन सड़क की स्थिति जस की तस रही।

जनप्रतिनिधियों से नाराजगी

ग्रामीणों ने कहा कि इस क्षेत्र से लगातार भाजपा उम्मीदवारों को भारी वोट मिलता रहा है, फिर भी सड़क के निर्माण पर ध्यान नहीं दिया गया।

किसानों और ग्रामीणों की परेशानी

ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय खेती है और यहां सब्जी उत्पादन अधिक है। पास का बाजार कजरुकला है, लेकिन बाकी नदी पर पुल न होने के कारण 3 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए 13 किलोमीटर की लंबी दूरी घूमकर जाना पड़ता है। इससे समय और मेहनत दोनों की बर्बादी होती है।

ग्रामीणों की पहल और निर्माण कार्य

ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर सड़क मरम्मत में जुट गए। पंचायत मुखिया रीता देवी ने भी ₹35,000 की नगद राशि देकर सहयोग किया। आज 10 ट्रैक्टर और एक JCB सड़क मरम्मत में काम कर रहे हैं। इस कार्य में लव कुमार विश्वकर्मा, बालमुकुंद पासवान, उपेंद्र पाल, सतेंद्र बारी, राजू पाल, रामप्यारे चंद्रवंशी, राजा मेहता, बालकेश चंद्रवंशी, हलखोरी बारी, भुनेश्वर सिंह, सजीवन मेहता, जीतेन्द्र मेहता, राजेश साव, निरंजन विश्वकर्मा, देव कुमार विश्वकर्मा, राकेश पाल, धनेश पाल समेत सैकड़ों लोग मौजूद हैं।

न्यूज़ देखो: ग्रामीण एकजुटता से स्वयं समाधान कर रहे हैं

यह मामला बताता है कि जब जनता की मूलभूत समस्याओं की ओर जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं देते, तो ग्रामीण अपनी एकजुटता और सहयोग से खुद समाधान खोजते हैं। ग्रामीणों की यह पहल समाज के लिए प्रेरणादायक है और यह दर्शाता है कि स्थानीय समस्याओं का समाधान जनता के सहयोग और समर्पण से संभव है।

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समाज में जागरूकता और सक्रियता जरूरी

जब सरकार और प्रतिनिधि अनुपस्थित हों, तो समाज की शक्ति ही परिवर्तन ला सकती है। हम सभी को अपने गांव और क्षेत्र की समस्याओं के प्रति सजग रहना होगा। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और दूसरों को भी स्थानीय समस्याओं के प्रति जागरूक बनाएं।

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