
#विशुनपुरा #अविश्वास_प्रस्ताव : पंचायत के 10 वार्ड सदस्यों ने उपमुखिया पर कार्य में बाधा, अनुचित व्यवहार और भ्रामक जानकारी देने का आरोप लगाते हुए बीडीओ को सामूहिक आवेदन सौंपा।
- उपमुखिया मुकेश राम के खिलाफ 10 वार्ड सदस्यों ने एकजुट होकर अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया।
- आरोप कि उपमुखिया योजनाओं और विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न करते हैं।
- पंचायत बैठकों में अनुपस्थिति और जनप्रतिनिधियों के साथ अनुचित व्यवहार का भी आरोप।
- वार्ड सदस्यों के अनुसार उपमुखिया द्वारा गलत और भ्रामक जानकारी दिए जाने से क्षेत्र में भ्रम की स्थिति।
- कुल 14 में से 10 सदस्यों द्वारा आवेदन दिए जाने से पंचायत में बढ़ी राजनीतिक हलचल।
विशुनपुरा सदर पंचायत में उपमुखिया मुकेश राम के खिलाफ वार्ड सदस्यों की नाराजगी उभरकर सामने आ गई है। सोमवार को पंचायत के कुल 14 में से 10 वार्ड सदस्यों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) विशुनपुरा को सामूहिक रूप से आवेदन सौंपते हुए उपमुखिया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की। वार्ड सदस्यों ने दावा किया कि उपमुखिया लगातार पंचायत की योजनाओं और विकास कार्यों में बाधा डालते हैं, जिससे पंचायत की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है। आवेदन में यह भी उल्लेख किया गया कि वे पंचायत की बैठकों में उपस्थित नहीं रहते और जनप्रतिनिधियों के साथ अनुचित व्यवहार करते हैं। इसके अलावा, आम जनता और वार्ड सदस्यों को गलत एवं भ्रामक जानकारी देने के आरोप भी लगाए गए।
आरोपों से बढ़ी पंचायत की राजनीतिक सक्रियता
उपमुखिया के खिलाफ लगाए गए आरोपों में विकास कार्यों में अड़चन से लेकर व्यवहारिक मुद्दों तक कई बिंदु शामिल हैं। वार्ड सदस्यों ने कहा कि उपमुखिया की कार्यशैली के कारण क्षेत्र में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है, जिसका प्रतिकूल असर स्थानीय विकास पर पड़ रहा है। इन आरोपों ने पंचायत की राजनीतिक गतिविधियों में नई हलचल ला दी है। आवेदन स्वीकार होने के बाद से ही पंचायत में इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है।
14 में से 10 वार्ड सदस्यों ने जताया अविश्वास
सामूहिक आवेदन देने वालों में शामिल हैं:
दिनेश शर्मा (वार्ड 12), नागेंद्र ठाकुर (वार्ड 6), फूलपतिया देवी (वार्ड 5), गोपाल मेहता (वार्ड 15), संतोष गुप्ता (वार्ड 7), सुमन देवी (वार्ड 8), श्याम सुंदर बैठा (वार्ड 4), अनीता देवी (वार्ड 2), मधु कुमारी (वार्ड 10) और मनीता देवी (वार्ड 13)।
इन सदस्यों ने स्पष्ट कहा कि पंचायत के सुचारू संचालन और जनता के हितों के संरक्षण के लिए यह कदम आवश्यक था।
बीडीओ के समक्ष रखी गई मांगें
वार्ड सदस्यों ने बीडीओ से अनुरोध किया कि अविश्वास प्रस्ताव की विधिक प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए ताकि पंचायत में स्थिरता और पारदर्शिता कायम हो सके। आवेदन के स्वीकार होते ही स्थानीय स्तर पर चर्चा बढ़ गई है और लोग आगे की कार्रवाई पर नजर बनाए हुए हैं।
न्यूज़ देखो: पंचायत संचालन में जवाबदेही की जरूरत
विशुनपुरा पंचायत का यह मामला दिखाता है कि स्थानीय स्तर पर जवाबदेही और पारदर्शिता कितनी महत्वपूर्ण है। जनप्रतिनिधियों के बीच विश्वास की कमी सीधे विकास कार्यों को प्रभावित करती है। बीडीओ द्वारा आवेदन स्वीकार किए जाने के बाद प्रशासनिक कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं—यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या पंचायत संचालन में सुधार के कदम तेज होते हैं।
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मजबूत पंचायत, मजबूत विकास
एक सक्रिय पंचायत ही जनता की समस्याओं को सही दिशा दे सकती है। प्रतिनिधियों की जवाबदेही और पारदर्शिता लोकतंत्र की नींव है, जिसे मजबूत करना हम सबकी जिम्मेदारी है।
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