
#हैदरनगर #श्रीरामविवाहमहोत्सव : तीन दिवसीय धार्मिक उत्सव की शुरुआत, 25 नवंबर को पावन विवाह व भव्य भंडारे के साथ होगा समापन
- हैदरनगर श्रीराम मंदिर में तीन दिवसीय श्रीराम विवाह महोत्सव का शुभारंभ।
- स्वामी पं. जयप्रकाश तिवारी जी महाराज के तत्वावधान में कार्यक्रम का आयोजन।
- आचार्य आशीष पाठक व पं. वेदप्रकाश पांडेय कर रहे हैं सभी वैदिक अनुष्ठान।
- 24 नवंबर को पारंपरिक नगर भ्रमण के साथ निकलेगी भव्य बारात।
- 25 नवंबर को वैदिक विधि से सम्पन्न होगा श्रीराम–सीता विवाह संस्कार।
- प्रतिदिन दोपहर 1 से शाम 5 बजे तक संगीत, कथा व भंडारे की व्यवस्था।
हैदरनगर श्रीराम मंदिर चौक बाजार में रविवार से शुरू हुआ तीन दिवसीय श्रीराम विवाह महोत्सव पूरे इलाके में भक्ति, आनंद और आध्यात्मिक उत्साह का वातावरण बना रहा है। 23 नवंबर से शुरू होकर 25 नवंबर तक चलने वाला यह पावन उत्सव स्थानीय श्रद्धालुओं, भक्तों और विभिन्न क्षेत्रों से आए आगंतुकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण अवसर बन गया है। स्वामी पं. जयप्रकाश तिवारी जी महाराज के मार्गदर्शन में मंदिर परिसर को दीपमालाओं, आकर्षक सजावट, भव्य मंच और सांस्कृतिक साज-सज्जा से रमणीय रूप दिया गया है, जिसने पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया है।
भक्ति रस से सराबोर हुआ श्रीराम विवाह महोत्सव का शुभारंभ
रविवार को महोत्सव की शुरुआत संगीतमय श्रीराम कथा और हल्दी पवित्रोत्सव से हुई। इस अवसर पर अयोध्या से पधारे आचार्य आशीष पाठक व पं. वेदप्रकाश पांडेय विधि-विधान के साथ संपूर्ण अनुष्ठान करा रहे हैं। हल्दी पवित्रोत्सव के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं ने श्रीराम–सीता विवाह की पारंपरिक तैयारियों का अनूठा आध्यात्मिक अनुभव किया। सैकड़ों श्रद्धालु कथा श्रवण के लिए मंदिर प्रांगण में मौजूद रहे और पूरे दिन वातावरण रामनाम के जयकारों से गुंजायमान बना रहा।
24 नवंबर को निकलेगी पारंपरिक श्रीराम बारात
महोत्सव के दूसरे दिन सोमवार को भव्य नगर भ्रमण यात्रा के साथ श्रीराम बारात निकाली जाएगी। बारात के लिए पूरे नगर को रंग-बिरंगी रोशनियों और सजावट से सजाया जा रहा है। सैकड़ों भक्त पारंपरिक वेशभूषा में शामिल होकर इस यात्रा को ऐतिहासिक और दिव्य स्वरूप प्रदान करेंगे। ढोल-नगाड़ों, शंखध्वनि और भक्ति संगीत के साथ भक्ति और उल्लास से सराबोर यह नगर भ्रमण पूरे हैदरनगर क्षेत्र को आध्यात्मिक प्रकाश से भर देने वाला है।
25 नवंबर को वैदिक विधि-विधान से होगा पावन विवाह
तीसरे दिन मंगलवार को माता सीता और प्रभु श्रीराम का पावन विवाह संस्कार वैदिक मंत्रोच्चार और परंपरागत रीति-विधि के साथ सम्पन्न कराया जाएगा। इस वर्ष विवाह अनुष्ठान में माता सीता पक्ष से राजेश सिंह–रेणु देवी और श्रीराम पक्ष से धनंजय सिंह–अंजू देवी की सहभागिता रहेगी। विवाह संस्कार के दौरान पूरा प्रांगण पुष्पवृष्टि, मंगल ध्वनियों और भजन-कीर्तन से गूंजेगा, जिससे श्रद्धालुओं को एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होगा।
भंडारे से महकेगा पूरा क्षेत्र
महोत्सव के दौरान प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक कथा, अनुष्ठान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसके बाद महाप्रसाद भंडारे की व्यवस्था रहेगी। दूर-दराज से आए भक्त बड़ी संख्या में प्रसाद ग्रहण कर इस धार्मिक पर्व का सुखद अनुभव उठा रहे हैं। आयोजन समिति ने बताया कि प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालुओं को भोजन कराया जा रहा है और यह संख्या विवाह दिवस पर कई गुना बढ़ने की संभावना है।
प्रेम, मर्यादा और एकता का संदेश दे रहा यह आयोजन
स्वामी पं. जयप्रकाश तिवारी जी महाराज ने जानकारी देते हुए कहा कि श्रीराम विवाह महोत्सव केवल आस्था का पर्व नहीं बल्कि समाज में प्रेम, मर्यादा, सद्भाव और एकता का संदेश देने वाला महत्वपूर्ण आयोजन है।
स्वामी पं. जयप्रकाश तिवारी जी महाराज ने कहा: “यह पर्व केवल धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि सामूहिक सद्भाव, प्रेम और लोक-कल्याण का प्रतीक है। मैं सभी क्षेत्रवासियों से आग्रह करता हूं कि बड़ी संख्या में पहुंचकर इस पावन उत्सव का पुण्य अर्जित करें।”
उनके अनुसार हरिनगर क्षेत्र के लोगों में इस आयोजन को लेकर अद्भुत उत्साह देखने को मिल रहा है और प्रत्येक व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार सहयोग कर रहा है।
न्यूज़ देखो: धार्मिक आयोजन से मिला सामाजिक एकता का संदेश
हैदरनगर में आयोजित श्रीराम विवाह महोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि यह सामाजिक एकता, सामुदायिक सहयोग और संस्कृतियों के समन्वय का भी प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करता है। स्थानीय भक्तों, आयोजन समिति और क्षेत्रीय लोगों की सहभागिता इस बात को दर्शाती है कि सामूहिक प्रयास किसी भी धार्मिक आयोजन को श्रेष्ठ और भव्य स्वरूप दे सकते हैं। प्रशासनिक सहयोग और सामाजिक भागीदारी दोनों ने इस आयोजन को विशेष ऊंचाई दी है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
आस्था से जुड़ें और समाज में सकारात्मक ऊर्जा फैलाएं
श्रीराम–सीता विवाह महोत्सव हमें मर्यादा, परस्पर सम्मान और सामाजिक सौहार्द का संदेश देता है। ऐसे अवसर केवल आध्यात्मिक अनुभव ही नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने वाले पुल भी साबित होते हैं। आइए, इस अवसर को हम प्रेरणा के रूप में लें और अपने जीवन में भी प्रेम, सहिष्णुता और सद्भाव को बढ़ावा दें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और अधिक से अधिक लोगों तक धार्मिक और सामाजिक जागरूकता पहुंचाएं।





