विश्रामपुर बाजार में अधूरी सड़क बनी परेशानी, सुधीर चंद्रवंशी की पहल से जगी उम्मीद

#विश्रामपुर #अधूरी_सड़क – धूल, बीमारी और व्यापार पर असर से त्रस्त बाजारवासियों को राहत की आस

धूल भरी सड़क बनी सिरदर्द

विश्रामपुर नगर क्षेत्र के थाना मोड़ से भुइया टोली होते हुए मुटुर राम के घर तक बनाई जा रही पीसीसी सड़क पिछले एक महीने से अधूरी पड़ी है। ठेकेदार ने आधे काम के बाद सड़क पर सिर्फ बालू डालकर कार्य रोक दिया, जिससे सड़क धूल का मैदान बन गई है।
गुजरते वाहन धूल का गुबार उड़ाते हैं, जिससे आसपास के दुकानदार और राहगीर परेशान हैं और कई लोगों को आंखों और सांस की दिक्कत भी होने लगी है।

व्यापारी बोले – अब बर्दाश्त नहीं

बाजार सुरक्षा समिति विश्रामपुर के अध्यक्ष पंकज कुमार लाल ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला तो व्यापारी वर्ग चरणबद्ध आंदोलन करेगा।

“हम अपने व्यवसाय की जगह पर पूरे दिन धूल में बैठे हैं। इससे ग्राहक भी परेशान होते हैं और स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है।”
पंकज कुमार लाल

सुधीर चंद्रवंशी की पहल से मिली राह

इस गंभीर समस्या की जानकारी मिलते ही विश्रामपुर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी सुधीर कुमार चंद्रवंशी ने त्वरित पहल करते हुए एग्जीक्यूटिव इंजीनियर से मुलाकात की।
इंजीनियर ने भरोसा दिलाया कि रात में ही बालू हटवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और अधूरी सड़क का कार्य जल्द पूरा होगा।
साथ ही ठेकेदार पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे।

स्थानीय प्रतिक्रिया: उम्मीद की किरण

स्थानीय नागरिकों और युवाओं ने इस पहल की सराहना की।

“लोग रोज़ इस सड़क से गुजरते हैं और धूल से आंखों और सांस की समस्या हो रही है। अब काम फिर से शुरू होगा तो यह राहत की बात है।”
विवेक कुमार शुक्ला, युवा समाजसेवी

“सुधीर जी की पहल से एक ठहराव में पड़े कार्य को फिर से गति मिली है, हमें उम्मीद है यह अब जल्द पूरा होगा।”
अरविंद कुमार रवि, अध्यक्ष, सेवा दल यंग ब्रिगेड

प्रतिनिधिमंडल रहा मौके पर मौजूद

इस दौरान उपस्थित रहे:

न्यूज़ देखो : जनता के मुद्दों की सटीक पड़ताल

न्यूज़ देखो हमेशा ज़मीन से जुड़ी, जनता की आवाज़ उठाने वाली पत्रकारिता में विश्वास रखता है।
हमारी टीम हर उस खबर को सामने लाती है जो आपके जीवन को प्रभावित करती है — चाहे वो अधूरी सड़क हो या प्रशासनिक सुस्ती।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अब नज़र वादों पर

हालांकि कार्य बहाली का आश्वासन मिल चुका है, लेकिन विश्रामपुर के व्यापारियों और नागरिकों की निगाहें अब प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं।
यदि दोबारा लापरवाही होती है, तो संगठित विरोध तय माना जा रहा है।

Exit mobile version