
#महुआडांड #अनिश्चितकालीनबंदी : प्रशासनिक कार्यशैली के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग
- हिंदू महासभा ने शुक्रवार से अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा की।
- एसडीएम बिपिन कुमार दुबे पर कार्यप्रणाली को लेकर आरोप।
- बैठक में हिन्दू समुदाय की भारी उपस्थिति, विरोध का माहौल।
- महुआडांड प्रखंड पूर्ण बंद करने का लिया गया निर्णय।
- एसडीएम ने आरोपों को किया खारिज, कहा- प्रशासनिक निर्णय उचित।
महुआडांड। महुआडांड अनुमंडल में शुक्रवार से हालात तनावपूर्ण हो सकते हैं क्योंकि हिंदू महासभा ने एसडीएम बिपिन कुमार दुबे के खिलाफ अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान कर दिया है। गुरुवार को स्थानीय दुर्गा बाड़ी परिसर में हुई बैठक में बड़ी संख्या में हिन्दू समुदाय के लोग उपस्थित हुए और एक स्वर से एसडीएम के खिलाफ आवाज उठाई।
विरोध का ऐलान और बंद की तैयारी
बैठक में मौजूद हिंदू महासभा के सदस्यों ने एसडीएम की कार्यप्रणाली को लेकर आक्रोश व्यक्त किया। संगठन ने आरोप लगाया कि एसडीएम ने जमीन विवाद और धार्मिक आयोजन से जुड़े मामलों में हिंदू समाज की बात को दरकिनार किया। इसको लेकर महासभा ने शुक्रवार से पूरे महुआडांड प्रखंड को अनिश्चितकालीन बंद करने का निर्णय लिया।
महुआडांड हिंदू महासभा के अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने कहा कि यह आंदोलन केवल एक समुदाय तक सीमित नहीं है। उन्होंने अन्य समुदायों से भी बंद में शामिल होकर आंदोलन को समर्थन देने की अपील की।
एसडीएम का पक्ष
वहीं दूसरी ओर, अनुमंडल पदाधिकारी बिपिन कुमार दुबे ने लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना है कि विवादित जमीन बैगा समाज की है और उस पर सरहुल व करमा जैसे पारंपरिक धार्मिक आयोजन पूर्व से होते आए हैं।
एसडीएम बिपिन कुमार दुबे: “बैठक में दोनों पक्षों को बुलाकर स्पष्ट किया गया कि यदि बैगा समाज की सहमति से घेराबंदी होती है तो किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। लेकिन हिंदू महासभा के प्रतिनिधियों ने प्रशासनिक निर्णय को चुनौती दी। ऐसे में डांट-डपट होना स्वाभाविक है।”
एसडीएम ने यह भी चेतावनी दी कि बंद के दौरान यदि जबरदस्ती या हिंसा की जाती है तो प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।
उन्होंने कहा, “बंद के नाम पर दंगा फैलाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और उन्हें जेल भेजा जाएगा।”
बढ़ता तनाव और प्रशासनिक चुनौती
इस बंद के चलते महुआडांड क्षेत्र में सामाजिक तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम करने की संभावना है ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे।

न्यूज़ देखो: जनता और प्रशासन के बीच टकराव बढ़ा
महुआडांड का यह विवाद दिखाता है कि जब प्रशासनिक फैसलों को लेकर समाज में असहमति होती है तो हालात तनावपूर्ण हो सकते हैं। ऐसे में पारदर्शी संवाद और आपसी समझौता ही समाधान का रास्ता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सामंजस्य ही शांति की राह
यह समय है कि समाज और प्रशासन मिलकर समाधान तलाशें। किसी भी समस्या का हल आपसी बातचीत और समझ से ही निकल सकता है। हिंसा या बंद से सिर्फ अशांति बढ़ती है। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि शांति और सामंजस्य का संदेश फैल सके।