Garhwa

गढ़वा में 108 एंबुलेंस कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, मरीजों की बढ़ी परेशानी

Join News देखो WhatsApp Channel
#गढ़वा #स्वास्थ्यसंकट : लंबित मांगों को लेकर 108 एंबुलेंस चालक सड़कों से हटे, सेवाएं ठप — प्रशासन ने बनाई वैकल्पिक व्यवस्था
  • जिले भर में 108 एंबुलेंस सेवा बंद, मरीजों को उठानी पड़ रही कठिनाई।
  • लंबित मांगों को लेकर चालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे।
  • सम्मान फाउंडेशन के साथ समझौते के बावजूद कर्मचारियों को नहीं मिला लाभ।
  • फरवरी से जून तक का कटौती वेतन, ईपीएफ, ग्रुप बीमा की मांग।
  • सिविल सर्जन डॉ. जोन एफ केनेडी ने ममता वाहन से वैकल्पिक व्यवस्था के निर्देश दिए।

गढ़वा जिले में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। झारखंड प्रदेश एम्बुलेंस कर्मचारी संघ के बैनर तले 108 एंबुलेंस चालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। बुधवार से शुरू हुई इस हड़ताल के कारण जिले भर में 108 एंबुलेंस विभिन्न स्थानों पर खड़ी रहीं, जिससे मरीजों को गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ा।

हड़ताल का कारण: वादाखिलाफी और मनमाना वेतन

संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि 26 जून 2025 को सम्मान फाउंडेशन के साथ लिखित समझौता हुआ था। उस समझौते के तहत कर्मचारियों को झारखंड सरकार एवं श्रम विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार वेतन देने का आश्वासन मिला था। लेकिन अब तक वह लागू नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि वेतन मनमाने तरीके से भुगतान किया जा रहा है। फरवरी से जून तक का कटौती वेतन भुगतान, कर्मचारियों को ईपीएफ और ईएसआईसी ग्रुप बीमा सुविधा भी नहीं मिली।

संघ के पदाधिकारी बोले: “हमारी मांगों को पूरा किए बिना सेवा बहाल नहीं होगी। संस्था और अधिकारियों को जल्द ठोस कदम उठाना होगा।”

नई बहाली में अनियमितता और धमकी के आरोप

संघ का आरोप है कि संस्था के पदाधिकारी लोगों से पैसे लेकर नई भर्ती कर रहे हैं, जो पूरी तरह अनुचित और अवैध है। साथ ही, अपने अधिकार मांगने वाले कर्मचारियों को धमकी भरे पत्र भेजे जा रहे हैं। यह मामला कर्मचारियों में आक्रोश का कारण बना हुआ है।
संघ ने राज्य सरकार और विभागीय अधिकारियों से तुरंत हस्तक्षेप कर समाधान की मांग की है, ताकि जनहित में सेवा बहाल हो सके।

प्रशासन ने बनाई वैकल्पिक व्यवस्था

हड़ताल के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया। सिविल सर्जन डॉ. जोन एफ केनेडी ने बताया कि सभी सीएचसी प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि अगर मरीज के परिजन संपर्क करें तो तुरंत वैकल्पिक एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाए।
उन्होंने कहा कि ममता वाहन का उपयोग करने की अनुमति विभाग से मांगी गई है।

डॉ. केनेडी ने कहा: “हड़ताल के बावजूद किसी मरीज को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।”

न्यूज़ देखो: स्वास्थ्य व्यवस्था पर हड़ताल की चोट

गढ़वा जिले की 108 एंबुलेंस सेवा ठप होना आम लोगों के लिए गंभीर संकट है। यह हालात बताता है कि कर्मचारियों की मांगों को समय पर नहीं सुनना कैसे जनहित पर भारी पड़ता है। प्रशासन को चाहिए कि वह ठोस कदम उठाए और ऐसी स्थिति फिर न आए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

मिलकर सुलझाएं विवाद, बचाएं जनहित

हम सभी को यह समझना होगा कि स्वास्थ्य सेवा में रुकावट का असर सबसे ज्यादा जरूरतमंद मरीजों पर पड़ता है। आप क्या सोचते हैं—क्या सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए? अपनी राय कॉमेंट करें और खबर को शेयर करें ताकि समाधान की आवाज बुलंद हो।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250723-WA0070
1000264265
Radhika Netralay Garhwa
20250923_002035
IMG-20250604-WA0023 (1)
Engineer & Doctor Academy
IMG-20250925-WA0154
IMG-20250610-WA0011
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

Back to top button
error: