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गिरिडीह में ₹10 मूल्य के भारतीय पोस्टल आर्डर जल्द होंगे उपलब्ध, सामाजिक कार्यकर्ता की पहल से मिली सफलता

#गिरिडीह #डाकघर : डेढ़ माह से बंद पड़े ₹10 पोस्टल आर्डर अब फिर से मिलेंगे जनता को राहत

गिरिडीह। लंबे इंतजार के बाद जिलेवासियों को अब राहत मिलने वाली है। ₹10 मूल्य के भारतीय पोस्टल आर्डर, जो पिछले करीब डेढ़ माह से डाकघरों में अनुपलब्ध थे, अब जल्द ही फिर से उपलब्ध हो जाएंगे। इस संबंध में झारखंड पोस्टल सर्कल, रांची के डाक सेवा निदेशक R V Chaudhary ने सामाजिक कार्यकर्ता सुनील खंडेलवाल को आधिकारिक रूप से सूचित किया है।

डेढ़ माह से जनता परेशान

डाकघरों में ₹10 के पोस्टल आर्डर न मिलने से आम नागरिकों को सूचना अधिकार आवेदन, सरकारी दस्तावेज़ कार्यवाही और अन्य आधिकारिक जरूरतों में दिक्कतें आ रही थीं। पोस्टल आर्डर की अनुपलब्धता से खासकर ग्रामीण और छोटे शहरों के लोग ज्यादा प्रभावित हुए।

नए पोस्टल आर्डर सीरियल नंबर के साथ जारी होंगे

डाक सेवा निदेशक के अनुसार वर्तमान में प्राप्त पोस्टल आर्डर का सीरियल नंबर फीड करने का कोई प्रावधान नहीं था, जिस कारण प्रक्रिया अटकी हुई थी। अब केवल सीरियल नंबर आवंटन के साथ नए अनुरोध अनुमोदित किए जाएंगे। इसके लिए ₹10 मूल्य के नए भारतीय पोस्टल आर्डर हेतु सीएसडी को नया इंडेंट भेजा गया है

सामाजिक कार्यकर्ता की पहल से मिली सफलता

ज्ञात हो कि 12 अगस्त 2025 को सामाजिक एवं सूचना अधिकार कार्यकर्ता सुनील खंडेलवाल ने इस समस्या को लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी विभाग, भारत सरकार को पत्र भेजकर मामले में त्वरित संज्ञान लेने का आग्रह किया था। इसी के आलोक में अब कार्रवाई हुई है और सकारात्मक परिणाम सामने आया है।

सुनील खंडेलवाल ने विभागों का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि एक-दो दिन में डाकघरों में ₹10 पोस्टल आर्डर उपलब्ध हो जाएंगे। उन्होंने उम्मीद जताई है कि आगे से जनता को ऐसी परेशानी का सामना न करना पड़े।

न्यूज़ देखो: जनहित की आवाज़ से बदलती व्यवस्था

यह घटना दर्शाती है कि अगर नागरिक सजग होकर अपनी समस्याओं को आवाज़ दें, तो सरकार और विभागों को कदम उठाना ही पड़ता है। ₹10 पोस्टल आर्डर की अनुपलब्धता छोटी समस्या लग सकती थी, लेकिन यह लाखों नागरिकों के लिए बड़ी बाधा बन गई थी। ऐसे में एक सामाजिक कार्यकर्ता की पहल ने पूरे राज्य में राहत पहुंचाई है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अब समय है जागरूक नागरिक बनने का

समस्याओं पर चुप रहने से समाधान नहीं मिलता। जरूरत है कि हम सब अपनी आवाज़ सही मंच पर रखें और प्रशासन से संवाद बनाए रखें। इससे न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामूहिक समस्याओं का समाधान संभव है। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि और लोग भी जागरूक हो सकें।

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