#सिमडेगा #स्वास्थ्यजागरूकता : स्तनपान और मातृ-शिशु पोषण पर ग्रामीण महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम
- छोटानागपुर कल्याण निकेतन ने मरोमड़ेगा पंचायत में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया।
- मुखिया लक्ष्मी देवी ने स्तनपान को शिशु के जीवन का आधार बताया।
- महिलाओं को छह महीने तक केवल स्तनपान करने और सही पोषण की जानकारी दी गई।
- बच्चों के लिए 1500 कैलोरी युक्त संतुलित आहार उपलब्ध कराने की पहल हुई।
- आंगनबाड़ी सेविकाओं ने टीकाकरण और स्वच्छता के महत्व पर भी जोर दिया।
सिमडेगा जिले के ठेठाईटांगर प्रखंड के मरोमड़ेगा पंचायत में स्तनपान सप्ताह के अवसर पर छोटानागपुर कल्याण निकेतन संस्था द्वारा एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को स्तनपान के महत्व, सही पोषण आदतों और शिशु स्वास्थ्य को लेकर वैज्ञानिक जानकारी देना था।
कार्यक्रम का उद्देश्य और महत्व
ग्रामीण इलाकों में कुपोषण और मातृ-शिशु स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएँ आम हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस पहल का आयोजन किया गया। आयोजकों ने बताया कि जागरूकता बढ़ाकर ही बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में सुधार लाया जा सकता है।
मुखिया लक्ष्मी देवी का प्रेरक संदेश
कार्यक्रम का उद्घाटन पंचायत मुखिया श्रीमती लक्ष्मी देवी ने किया। उन्होंने कहा:
लक्ष्मी देवी ने कहा: “स्तनपान केवल एक जैविक प्रक्रिया नहीं, बल्कि शिशु के जीवन का आधार है। यह बच्चे को बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है और माँ-बच्चे के बीच अटूट संबंध बनाता है।”
महिलाओं को दी गई जरूरी जानकारी
इस अवसर पर पंचायत कोऑर्डिनेटर शांति देवी और संस्था की सचिव प्रियंका सिन्हा ने महिलाओं को बताया कि जन्म के बाद शुरुआती छह महीने तक शिशु को केवल माँ का दूध देना सबसे बेहतर है, क्योंकि इसमें बच्चे के विकास के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। साथ ही माताओं को संतुलित आहार लेने और स्वच्छता का पालन करने की भी सलाह दी गई।
बच्चों के लिए पोषण का विशेष इंतजाम
कार्यक्रम के दौरान इंडिया रूरल उपलिफ्टमेंट इनिशिएटिव के तहत, आंगनबाड़ी केंद्र में आने वाले बच्चों के लिए 1500 कैलोरी की संतुलित आहार योजना चलाई जा रही है। इसमें दूध और बिस्कुट जैसी चीज़ें शामिल की गईं, जिससे बच्चों की ऊर्जा और पोषण की ज़रूरत पूरी हो सके।
सेविकाओं की सक्रिय भूमिका और महिलाओं का संकल्प
स्थानीय आंगनबाड़ी सेविकाएँ और स्वयंसेविका सीता देवी ने महिलाओं को मातृ स्वास्थ्य, स्वच्छता और टीकाकरण पर विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित महिलाओं ने संकल्प लिया कि वे छह महीने तक शिशु को केवल स्तनपान कराएंगी और पोषणयुक्त आहार को प्राथमिकता देंगी।



न्यूज़ देखो: जागरूकता ही स्वस्थ समाज की पहली सीढ़ी
सिमडेगा जैसे ग्रामीण इलाकों में मातृ और शिशु स्वास्थ्य पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। न्यूज़ देखो का मानना है कि ऐसी पहलें समाज में बड़ा बदलाव ला सकती हैं। जब महिलाएँ जागरूक होंगी, तब ही कुपोषण जैसी समस्याएँ खत्म होंगी। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
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