#गढ़वा #सुशासन_अभियान : सुशासन सप्ताह 2025 के तहत गढ़वा जिला प्रशासन का ग्रामीणों की समस्याओं का ऑन स्पॉट समाधान के लिए विशेष अभियान।
गढ़वा जिले में ग्रामीणों को त्वरित राहत देने के उद्देश्य से जिला प्रशासन 19 से 25 दिसंबर 2025 तक प्रशासन गाँव की ओर अभियान चलाएगा। यह पहल सुशासन सप्ताह 2025 के तहत की जा रही है, जिसमें पंचायत और प्रखंड स्तर पर विशेष शिविर लगेंगे। अभियान का उद्देश्य सरकारी सेवाओं को गांवों तक पहुंचाना और लंबित शिकायतों का मौके पर समाधान करना है। उपायुक्त ने इसे अंतिम व्यक्ति तक सुशासन पहुंचाने का माध्यम बताया है।
- 19 से 25 दिसंबर 2025 तक चलेगा विशेष अभियान।
- सुशासन सप्ताह 2025 के तहत जिला स्तरीय पहल।
- पंचायत और प्रखंड स्तर पर विशेष शिविरों का आयोजन।
- जनसमस्याओं का ऑन स्पॉट समाधान प्राथमिक लक्ष्य।
- डिजिटल पोर्टल से होगी दैनिक मॉनिटरिंग।
- उपायुक्त दिनेश यादव ने दिए सख्त निर्देश।
ग्रामीणों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर से मुक्ति दिलाने और शासन को सीधे उनके द्वार तक पहुंचाने के उद्देश्य से गढ़वा जिला प्रशासन ने एक ठोस और व्यापक पहल की है। सुशासन सप्ताह 2025 के अंतर्गत जिले भर में प्रशासन गाँव की ओर अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से लंबित समस्याओं का समाधान मौके पर ही करने का प्रयास किया जाएगा।
क्या है प्रशासन गाँव की ओर अभियान
यह अभियान सिर्फ औपचारिकता निभाने या कागजी कार्रवाई तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका मुख्य फोकस जनता को वास्तविक और त्वरित राहत देना है। जिला प्रशासन का मानना है कि जब तक शासन गांव तक नहीं पहुंचेगा, तब तक सुशासन का उद्देश्य अधूरा रहेगा।
उपायुक्त के स्पष्ट निर्देश
उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी दिनेश यादव ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस अभियान का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या औपचारिकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उपायुक्त दिनेश यादव ने कहा: “यह अभियान जनता और प्रशासन के बीच की दूरी को कम करने का अवसर है, इसे गंभीरता से लागू किया जाए।”
अभियान के मुख्य उद्देश्य
प्रशासन गाँव की ओर अभियान के जरिए जिला प्रशासन ने कुछ स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित किए हैं, ताकि इसका प्रभाव जमीन पर दिख सके।
त्वरित समाधान पर जोर
इस अभियान का सबसे बड़ा उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की समस्याओं का ऑन स्पॉट समाधान करना है। इसके तहत भूमि, राजस्व, सामाजिक सुरक्षा, पेंशन, राशन कार्ड, प्रमाण पत्र, आवास योजना और अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी शिकायतों को प्राथमिकता दी जाएगी।
शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूती
लोक शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत बनाते हुए प्रशासन ने तय किया है कि प्राप्त शिकायतों को लंबित नहीं रखा जाएगा। जहां संभव होगा, वहीं मौके पर समाधान किया जाएगा, और शेष मामलों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
पंचायत और प्रखंड स्तर पर होगी तैयारी
इस अभियान को सफल बनाने के लिए पंचायत और प्रखंड स्तर पर पूरी प्रशासनिक तैयारी की गई है।
विशेष शिविरों का आयोजन
हर प्रखंड और पंचायत में विशेष शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में संबंधित विभागों के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहेंगे, ताकि ग्रामीणों को अलग-अलग दफ्तरों में भटकना न पड़े।
रोस्टर के अनुसार ड्यूटी
पंचायत स्तर पर तारीखवार शिविरों का रोस्टर तैयार किया गया है। इसके अनुसार अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी तय कर दी गई है, ताकि किसी भी शिविर में संसाधनों या कर्मियों की कमी न हो।
डिजिटल मॉनिटरिंग से पारदर्शिता
अभियान की पारदर्शिता और प्रभावशीलता बनाए रखने के लिए प्रशासन ने डिजिटल मॉनिटरिंग की व्यवस्था की है।
विशेष पोर्टल पर होगी निगरानी
सरकार द्वारा तैयार किए गए विशेष पोर्टल पर अभियान से जुड़ी सभी जानकारियां अपलोड की जाएंगी। इसमें शिविरों की संख्या, प्राप्त शिकायतें, निपटाए गए मामलों और लंबित प्रकरणों का विवरण शामिल होगा।
पोर्टल पर क्या-क्या होगा दर्ज
अभियान की प्रगति को मापने के लिए पोर्टल पर कई अहम जानकारियां दर्ज की जाएंगी।
प्रमुख बिंदु
- शिविरों में प्राप्त और निपटाई गई शिकायतों की कुल संख्या।
- सीपीग्राम्स और राज्य पोर्टलों पर लंबित मामलों का निपटारा।
- ऑनलाइन सेवाओं के माध्यम से निपटाए गए आवेदनों का विवरण।
- शिविरों की तस्वीरें और जन-जागरूकता कार्यक्रमों की जानकारी।
- सफलता की कहानियाँ, जहां लोगों को तुरंत लाभ मिला।
अधिकारियों को आपसी समन्वय का निर्देश
उपायुक्त ने सभी बीडीओ और अंचल अधिकारियों को आपसी तालमेल बनाकर काम करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन होना चाहिए, ताकि अभियान का वास्तविक लाभ जनता तक पहुंचे।
जवाबदेही तय करने की तैयारी
प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि अभियान के दौरान कार्य में लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। इससे अभियान को गंभीरता और प्रभावशीलता दोनों मिलेंगी।
ग्रामीणों में जगी उम्मीद
इस अभियान को लेकर ग्रामीणों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोगों को उम्मीद है कि वर्षों से लंबित उनकी समस्याएं अब बिना देरी के सुलझाई जाएंगी और उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
न्यूज़ देखो: सुशासन को गांव तक ले जाने की ठोस पहल
प्रशासन गाँव की ओर अभियान यह दर्शाता है कि गढ़वा जिला प्रशासन सुशासन को सिर्फ नारे तक सीमित नहीं रखना चाहता। यदि यह अभियान प्रभावी ढंग से लागू होता है, तो यह अन्य जिलों के लिए भी मॉडल बन सकता है। अब चुनौती है कि घोषित योजनाएं जमीन पर कितनी ईमानदारी से लागू होती हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जब शासन खुद दरवाजे पर आए
यह अभियान ग्रामीणों के लिए एक बड़ा अवसर है कि वे अपनी समस्याएं सीधे प्रशासन के सामने रखें। समय पर भागीदारी और जागरूकता से ही इसका पूरा लाभ मिलेगा। यदि आपके गांव में शिविर लग रहा है, तो जरूर शामिल हों। अपनी प्रतिक्रिया कमेंट में साझा करें, इस खबर को आगे बढ़ाएं और सुशासन को मजबूत करने में अपनी भूमिका निभाएं।





