
#गढ़वा #SocialEmpowerment : ग्रामीण विकास और डिजिटल सुरक्षा पर फोकस रही कार्यशाला
- क्रेडिट एक्सेस ग्रामीण लिमिटेड व इंडिया फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम आयोजित हुआ।
- ढाई सौ से अधिक महिलाएं और कई वरिष्ठ अधिकारी कार्यशाला में हुए शामिल।
- जिम्मेदारी से ऋण लेना, डिजिटल धोखाधड़ी से बचाव जैसे विषयों पर दी गई जानकारी।
- सब इंस्पेक्टर बृज कुमार भूषण और रीजनल मैनेजर कुटुम्बा राव ने किया दीप प्रज्वलन।
- वित्तीय शिक्षा, क्रेडिट अनुशासन और महिला सशक्तिकरण कार्यशाला के प्रमुख उद्देश्य रहे।
ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल
गढ़वा जिले में क्रेडिट एक्सेस ग्रामीण लिमिटेड और क्रेडिट एक्सेस इंडिया फाउंडेशन की ओर से एक सामाजिक-आर्थिक विकास कार्यशाला का आयोजन गढ़वा स्थित उत्सव गार्डन में किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को वित्तीय दृष्टि से सशक्त बनाना, उन्हें जिम्मेदारी से ऋण लेने के लिए जागरूक करना, और डिजिटल धोखाधड़ी जैसे आधुनिक खतरों से बचाव की जानकारी देना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ सब इंस्पेक्टर बृज कुमार भूषण, रीजनल मैनेजर कुटुम्बा राव, क्षेत्र प्रबंधक रमेश प्रसाद महतो, बीएसटी अधिकारी रंजन कुमार, शाखा प्रबंधक रितेश कुमार सिन्हा और नफीसुद्दीन बेग ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर गढ़वा और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आईं करीब 250 महिलाएं उपस्थित रहीं, जो इस कार्यक्रम की उपयोगिता और महत्त्व को दर्शाता है।
ऋण अनुशासन और डिजिटल जागरूकता पर दिया गया जोर
कार्यशाला में वक्ताओं ने महिलाओं को बताया कि जिम्मेदारी से ऋण लेना केवल आर्थिक प्रगति के लिए नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में पहला कदम है। साथ ही, डिजिटल माध्यमों से होने वाले आर्थिक अपराधों के प्रति भी सजग रहने की सलाह दी गई।
कुटुम्बा राव, रीजनल मैनेजर ने कहा: “आज ग्रामीण घरों में वित्तीय शिक्षा की अत्यंत आवश्यकता है। लोग केवल ऋण लेकर काम न करें, बल्कि उसे कैसे नियोजित करना है, यह समझना भी जरूरी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि क्रेडिट एक्सेस ग्रामीण लिमिटेड, जो बेंगलुरु की एक प्रतिष्ठित माइक्रोफाइनेंस संस्था है, खासतौर से महिलाओं को छोटे ऋण उपलब्ध कराकर वंचित समुदायों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
सामाजिक सरोकार से जुड़ी संस्थाएं निभा रही अहम भूमिका
क्रेडिट एक्सेस इंडिया फाउंडेशन, एक गैर-सरकारी संगठन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, ग्रामीण विकास और आपदा राहत जैसे विषयों पर निरंतर कार्यरत है। संस्था का प्रयास है कि महिलाएं केवल लाभार्थी न बनें, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूत भागीदार भी बनें।
इस अवसर पर स्थानीय अधिकारियों और प्रतिभागियों ने भी कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल जानकारी का आदान-प्रदान करते हैं, बल्कि सामूहिक चेतना को भी सशक्त बनाते हैं।
न्यूज़ देखो: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में सार्थक प्रयास
इस कार्यशाला ने यह स्पष्ट किया कि अगर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को वित्तीय ज्ञान, डिजिटल सुरक्षा, और क्रेडिट अनुशासन की जानकारी दी जाए, तो वे समाज में एक निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं। न्यूज़ देखो ऐसे प्रयासों की सराहना करता है, जो महिलाओं को जागरूक और आत्मनिर्भर बना रहे हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सजग नागरिक ही बदल सकते हैं समाज
आर्थिक बदलाव तभी संभव है जब हर नागरिक अपने अधिकार और कर्तव्यों के प्रति जागरूक हो। ऐसे आयोजनों में भाग लेकर हम न सिर्फ खुद को, बल्कि अपने परिवार और समाज को भी सशक्त बना सकते हैं।
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