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एफपीओ को सशक्त करने की पहल तेज़: गुमला में ‘उज्जना बिजना अभियान’ के तहत विशेष बैठक आयोजित

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#गुमला #एफपीओ_सशक्तिकरण : महिला उद्यमिता, सीजनल उत्पादों की ब्रांडिंग और ग्रामीण आर्थिक ढांचे को लेकर उठाए गए ठोस कदम — उत्पादन और विपणन को जोड़ने पर ज़ोर
  • उज्जना बिजना अभियान के अंतर्गत एफपीओ सशक्तिकरण हेतु विशेष बैठक का आयोजन किया गया
  • 23 सक्रिय एफपीओ की गतिविधियों को सीजन आधारित क्लस्टर से जोड़ने का निर्देश
  • चिप्सोना आलू प्रसंस्करण और मॉडल मिट सेंटर की योजना को दी गई हरी झंडी
  • लेमन ग्रास, करौंजी, इमली, लाह जैसे लघु वनोत्पादों की वैज्ञानिक मार्केटिंग पर हुआ मंथन
  • महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने और डायरेक्ट मार्केट लिंकिंग को मजबूत करने की योजना

एफपीओ की ताकत बढ़ाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को दी जाएगी मजबूती

गुमला जिले में ‘उज्जना बिजना अभियान’ के अंतर्गत एफपीओ (Farmer Producer Organization) को सशक्त बनाने और महिला उद्यमिता को आगे बढ़ाने हेतु विशेष समन्वय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित के निर्देशानुसार 23 सक्रिय एफपीओ की प्रगति की समीक्षा की गई और उन्हें सीजनल उत्पादन आधारित कार्ययोजना के साथ जोड़ने का निर्णय लिया गया।

बैठक में जिला योजना पदाधिकारी, JSLPS के जिला परियोजना प्रबंधक, जिला उद्यमी समन्वयक, प्रदान संस्था के प्रतिनिधि समेत कई विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। इन सभी ने मिलकर एफपीओ के प्रशिक्षण, उत्पाद प्रसंस्करण, और मार्केटिंग को लेकर रणनीति बनाई।

जिला योजना पदाधिकारी ने कहा: “एफपीओ की सफलता स्थानीय संसाधनों के बेहतर प्रबंधन, क्लस्टर आधारित उत्पादन और ब्रांडिंग में निहित है।”

चिप्सोना आलू और मिट सेंटर जैसी योजनाएं बनेंगी रोल मॉडल

विशुनपुर प्रखंड में चिप्सोना आलू के उत्पादन और प्रोसेसिंग यूनिट को प्लानिंग विभाग के सहयोग से ब्रांडिंग और विपणन की दिशा में बढ़ाया जाएगा। यह पहल स्थानीय किसानों को सीधे बाजार से जोड़ने और उच्च मूल्य दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

वहीं, सदर प्रखंड में मॉडल मिट सेंटर के लिए स्थान आवंटन की पुष्टि की गई है, जिसमें पोल्ट्री यूनिट, साफ जल आपूर्ति और उद्यम प्रशिक्षण केंद्र शामिल होंगे। यह सेंटर युवाओं और महिलाओं के लिए आजीविका सृजन का प्रमुख केंद्र बनेगा।

लघु वनोत्पादों को भी मिलेगा नया बाजार

लेमन ग्रास, इमली, करौंजी, लाह जैसे लघु वन उत्पादों के वैज्ञानिक संग्रहण, प्रसंस्करण और सामूहिक विपणन (collectivisation) को लेकर भी गहन चर्चा हुई। उपायुक्त ने संबंधित संस्थाओं से जमीनी स्तर की रणनीति और समयबद्ध कार्य योजना प्रस्तुत करने को कहा ताकि स्थायी ग्रामीण विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें।

प्रदान संस्था प्रतिनिधि ने बताया: “एफपीओ और महिला समूहों के माध्यम से हम वन उत्पादों को वैल्यू चेन में जोड़ना चाहते हैं ताकि ग्रामीणों की आय बढ़े।”

उपायुक्त स्वयं करेंगी फील्ड विज़िट

उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने स्पष्ट किया कि वे एफपीओ की गतिविधियों की समीक्षा स्वयं फील्ड विज़िट के दौरान करेंगी और महिला उद्यमियों, कृषकों एवं समूहों से सीधा संवाद करेंगी। उन्होंने कहा कि एफपीओ के माध्यम से जिले की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग और ई-कॉमर्स से जुड़ाव को भी शामिल किया जाएगा।

न्यूज़ देखो: स्थानीय उत्पादों को बाजार से जोड़ती प्रशासनिक पहल

न्यूज़ देखो इस प्रयास को स्थानीय उद्यमिता और महिला नेतृत्व के लिए क्रांतिकारी कदम मानता है। एफपीओ सशक्तिकरण के माध्यम से प्रशासन न केवल ग्रामीण आजीविका को नया रास्ता दे रहा है, बल्कि गुमला को ‘उद्यमशीलता केंद्र’ के रूप में विकसित करने की दिशा में अग्रसर है।

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महिलाएं जब उद्यम संभालें, तो गांव की तस्वीर बदलती है

यदि आप किसी महिला समूह या एफपीओ से जुड़े हैं तो अपनी संभावनाएं पहचानें, योजनाओं से जुड़ें और स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करें। इस खबर को साझा करें ताकि अधिक से अधिक लोग ‘उज्जना बिजना अभियान’ का लाभ उठा सकें।

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