
#गुमला #आदिवासी_शिक्षा : टाटी ग्राम में निर्माणाधीन एकलव्य विद्यालय का आदिवासी समाज के वरिष्ठ अगुवाओं द्वारा निरीक्षण कर गुणवत्ता और शैक्षणिक सुविधाओं का मूल्यांकन
- टाटी ग्राम, मझगांव पंचायत, डुमरी गुमला में निर्माणाधीन एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय का निरीक्षण।
- निरीक्षण दल में वरिष्ठ अगुवा जगरनाथ भगत, शंकर भगत, प्रेम प्रकाश भगत, मनोज उरांव शामिल।
- अगुवाओं ने विद्यालय परिसर, भवन की गुणवत्ता और निर्माण की प्रगति का बारीकी से अवलोकन किया।
- आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा के विकास के लिए सरकार की पहल की सराहना।
- निरीक्षण के दौरान अगुवाओं ने विद्यालय को आदर्श शिक्षा केंद्र बनाने और गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
डुमरी गुमला के टाटी ग्राम में प्रखंड के मझगांव पंचायत के अंतर्गत निर्माणाधीन एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय का निरीक्षण आदिवासी सरना समाज के वरिष्ठ अगुवाओं द्वारा रविवार को किया गया। निरीक्षण दल ने विद्यालय परिसर और भवन की गुणवत्ता, निर्माण प्रगति तथा विद्यार्थियों को मिलने वाली शैक्षणिक सुविधाओं का विस्तार से अवलोकन किया। निरीक्षण का उद्देश्य न केवल निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर नजर रखना था, बल्कि आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा के बेहतर विकास को सुनिश्चित करना भी था।
निरीक्षण दल की प्रतिक्रिया
निरीक्षण दल में शामिल वरिष्ठ अगुवा जगरनाथ भगत ने कहा:
“यह विद्यालय आदिवासी बहुल क्षेत्र में स्थापित किया जा रहा है, जिससे यहां के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी। एकलव्य विद्यालय का निर्माण हमारे समाज के लिए मील का पत्थर साबित होगा और आने वाली पीढ़ियों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
समाजसेवी प्रेम प्रकाश भगत ने कहा:
“सरकार द्वारा आदिवासी शिक्षा को मजबूत करने की पहल सराहनीय है। इससे न केवल स्थानीय स्तर पर शिक्षा का स्तर बढ़ेगा, बल्कि दूर-दराज के आदिवासी बच्चों को भी बेहतर शिक्षा का अवसर मिलेगा। निर्माण एजेंसी को गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि यह विद्यालय पूरे इलाके के लिए आदर्श शिक्षा केंद्र बने।”
निरीक्षण के दौरान अगुवाओं ने यह भी जोर दिया कि विद्यालय में आधुनिक शैक्षणिक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं ताकि जल्द ही क्षेत्र के बच्चे इसमें पढ़ाई प्रारंभ कर सकें।
न्यूज़ देखो: आदिवासी शिक्षा में नई दिशा
टाटी ग्राम में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय का निर्माण आदिवासी समुदाय के लिए शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम है। इस निरीक्षण से यह स्पष्ट होता है कि समाज और सरकार मिलकर बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण और समावेशी शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं। इससे क्षेत्र के युवाओं में सीखने की प्रेरणा बढ़ेगी और समग्र विकास को बल मिलेगा।
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शिक्षा की दिशा में जागरूकता और सहभागिता
आदिवासी क्षेत्र के बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए ऐसे विद्यालय अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। समाज के सभी वर्गों को इस दिशा में सहयोग देना चाहिए। बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा सुनिश्चित करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने हेतु इस खबर को साझा करें, अपनी राय कमेंट करें और निर्माण कार्य में गुणवत्ता की निगरानी में सतर्क रहें।





