
#सिमडेगा #विधिक_सेवा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव ने लीगल एड क्लिनिक व अस्पताल व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर सुधार के निर्देश दिए।
सिमडेगा सदर अस्पताल में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव मरियम हेमरोम ने शुक्रवार को लीगल एड क्लिनिक का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने क्लिनिक की कार्यप्रणाली, उपलब्ध सुविधाओं और जरूरतमंदों को दी जा रही विधिक सहायता की समीक्षा की। इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों को दिए जा रहे भोजन की गुणवत्ता की भी जांच की गई। निरीक्षण का उद्देश्य मरीजों के अधिकारों की रक्षा और अस्पताल में बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करना रहा।
- सदर अस्पताल सिमडेगा स्थित लीगल एड क्लिनिक का निरीक्षण।
- सचिव मरियम हेमरोम ने विधिक सहायता की कार्यप्रणाली की समीक्षा की।
- पारा लीगल वोलेंटियर दीपक और पुनिता को स्पष्ट निर्देश।
- मरीजों के भोजन में अधिक मसाले पाए जाने पर जताई आपत्ति।
- अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. आनंद खाखा को सुधार के निर्देश।
सिमडेगा सदर अस्पताल में शुक्रवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव मरियम हेमरोम के निरीक्षण से अस्पताल प्रशासन और लीगल एड क्लिनिक की गतिविधियों में हलचल देखी गई। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल परिसर में संचालित लीगल एड क्लिनिक की भूमिका को गंभीरता से परखा और यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि यहां आने वाले जरूरतमंद मरीजों और उनके परिजनों को समय पर कानूनी सहायता मिल रही है या नहीं। इसके साथ ही उन्होंने अस्पताल की अन्य व्यवस्थाओं, विशेषकर मरीजों के भोजन की गुणवत्ता पर भी ध्यान दिया।
लीगल एड क्लिनिक की कार्यप्रणाली की समीक्षा
निरीक्षण के क्रम में सचिव मरियम हेमरोम ने सदर अस्पताल स्थित लीगल एड क्लिनिक में उपलब्ध सुविधाओं और कार्यप्रणाली की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने यह जाना कि किस प्रकार मरीजों और उनके परिजनों को कानूनी मार्गदर्शन, सहायता और परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अस्पताल जैसे स्थानों पर लीगल एड क्लिनिक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यहां अक्सर ऐसे लोग पहुंचते हैं, जिन्हें अपने अधिकारों और कानूनी प्रक्रियाओं की जानकारी नहीं होती।
पारा लीगल वोलेंटियरों को स्पष्ट निर्देश
निरीक्षण के दौरान लीगल एड क्लिनिक में प्रतिनियुक्त पारा लीगल वोलेंटियर दीपक और पुनिता को सचिव ने सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आने वाले जरूरतमंद मरीजों एवं उनके परिजनों को विधिक सहायता, मार्गदर्शन और सहयोग प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी व्यक्ति केवल जानकारी के अभाव में अपने अधिकारों से वंचित न रह जाए।
सचिव मरियम हेमरोम ने कहा: “जिला विधिक सेवा प्राधिकार का उद्देश्य आमजन, विशेषकर कमजोर वर्ग के लोगों को समय पर न्याय और सहायता उपलब्ध कराना है। इस कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
मरीजों के भोजन की गुणवत्ता की जांच
लीगल एड क्लिनिक के निरीक्षण के बाद सचिव मरियम हेमरोम ने सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों को दिए जा रहे भोजन की भी जांच की। जांच के दौरान उन्होंने पाया कि भोजन में अधिक मसालों का उपयोग किया गया है, जो मरीजों के स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं है। इस पर उन्होंने गंभीर आपत्ति जताई और इसे उपचार प्रक्रिया के लिए प्रतिकूल बताया।
अस्पताल प्रशासन को दिए सुधार के निर्देश
भोजन की गुणवत्ता को लेकर सचिव ने अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. आनंद खाखा से स्पष्ट शब्दों में कहा कि मरीजों को नियमानुसार स्वच्छ, पौष्टिक और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेहतर उपचार के लिए केवल दवाइयां ही नहीं, बल्कि संतुलित और हल्का भोजन भी उतना ही आवश्यक है। सचिव ने निर्देश दिया कि भोजन की गुणवत्ता में तत्काल सुधार किया जाए और भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही न हो।
वार्डों में जाकर मरीजों से की मुलाकात
निरीक्षण के दौरान सचिव मरियम हेमरोम ने अस्पताल के विभिन्न वार्डों का भी दौरा किया। उन्होंने भर्ती मरीजों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं। मरीजों ने इलाज, दवाओं की उपलब्धता, भोजन और अन्य व्यवस्थाओं से जुड़ी अपनी बातें साझा कीं। कुछ मरीजों ने संतोष जताया, तो कुछ ने सुधार की जरूरत भी बताई।
मरीजों की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश
मरीजों से मिली जानकारी के आधार पर सचिव ने संबंधित अधिकारियों और कर्मियों को आवश्यक सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मरीजों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए त्वरित समाधान किया जाए, ताकि अस्पताल में इलाज के दौरान उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो।
निरीक्षण के दौरान ये रहे उपस्थित
इस निरीक्षण के अवसर पर असिस्टेंट एलएडीसीएस सुकोमल, अस्पताल प्रबंधक अलका कुल्लू सहित सदर अस्पताल के अन्य चिकित्सक और कर्मी भी उपस्थित थे। सभी को अपने-अपने दायित्वों को गंभीरता से निभाने और मरीजों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए।
कमजोर वर्गों के अधिकारों की सुरक्षा पर जोर
सचिव मरियम हेमरोम ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार का मुख्य उद्देश्य समाज के कमजोर और जरूरतमंद वर्गों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराना है। अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थानों पर यह जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है, जहां लोग शारीरिक और मानसिक रूप से पहले से ही परेशान होते हैं।
अस्पताल व्यवस्था में सुधार की दिशा में पहल
इस निरीक्षण को अस्पताल व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे न केवल लीगल एड क्लिनिक की सक्रियता बढ़ेगी, बल्कि मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं की गुणवत्ता पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
न्यूज़ देखो: अधिकार और उपचार दोनों पर बराबर ध्यान
यह निरीक्षण दर्शाता है कि केवल इलाज ही नहीं, बल्कि मरीजों के कानूनी अधिकार और बुनियादी सुविधाएं भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं। लीगल एड क्लिनिक और अस्पताल प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे मिलकर जरूरतमंदों को हर स्तर पर सहयोग दें। प्रशासन की सख्ती से व्यवस्थाओं में कितना सुधार होता है, इस पर हमारी नजर बनी रहेगी। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
संवेदनशील व्यवस्था से ही बनता है भरोसेमंद स्वास्थ्य तंत्र
जब अस्पताल में इलाज के साथ सम्मान, सुविधा और अधिकारों की रक्षा होती है, तभी जनता का भरोसा मजबूत होता है। ऐसे निरीक्षण व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने का अवसर देते हैं। समाज और प्रशासन दोनों की साझा जिम्मेदारी है कि मरीजों को सुरक्षित और सहयोगपूर्ण वातावरण मिले।





