
#लातेहार #पंचायतीराजसमीक्षा – आईटीडीए निदेशक की अध्यक्षता में लातेहार समाहरणालय में समीक्षा बैठक
- ज्ञान केंद्रों के नियमित संचालन और पुस्तकालय रूप में उपयोग के निर्देश
- 10 जून से बालू उठाव बंद होने के आदेश का सख्ती से पालन
- पंचायत सहायक का रोस्टर के अनुसार कार्य विभाजन तय
- अवैध अफीम की खेती रोकने और मुखिया को जिम्मेदार ठहराने की चेतावनी
- 10 से 26 जून तक मादक द्रव्य विरोधी अभियान को लेकर विशेष कार्य योजना की जरूरत
पंचायत सचिवों की समीक्षा बैठक, कई अहम दिशा-निर्देश जारी
लातेहार। मंगलवार को आईटीडीए निदेशक प्रवीण कुमार गगरई की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में पंचायत सचिवों और जनसेवकों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला पंचायती राज पदाधिकारी श्री श्रेयांस ने पंचायत स्तर की जिम्मेदारियों को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए।
बैठक में निर्देश दिया गया कि हर पंचायत सचिव अपने क्षेत्र के “ज्ञान केंद्र” का नियमित निरीक्षण करें। ज्ञान केंद्रों को प्रतिदिन ससमय खोला जाए, वहां उपलब्ध संसाधनों की सूची बनाई जाए और उन्हें पुस्तकालय के रूप में उपयोग में लाया जाए। पुरानी किताबों के दान के लिए ग्रामीणों को प्रेरित करने की अपील की गई।
पंचायत सहायक, बायोमैट्रिक उपस्थिति और सामग्री सूची
सभी पंचायतों में पंचायत सहायकों का चयन आम सभा द्वारा किया जा चुका है। रोस्टर के अनुसार उनके कार्यों का समुचित बंटवारा भी किया गया है। सभी पंचायत सचिव यह सुनिश्चित करें कि सहायक प्रतिदिन सचिवालय में उपस्थिति दर्ज करें। पंचायत में मौजूद सामग्रियों की सूची तैयार कर “ज्ञान सेतु एप” पर अपलोड करना अनिवार्य किया गया।
साथ ही सभी पंचायतकर्मी और पदाधिकारियों को बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य रूप से पंचायत में ही बनाने का निर्देश दिया गया।
बालू उठाव बंद, राजस्व विवरण आवश्यक
एनजीटी के दिशा-निर्देशों के अनुसार 10 जून से बालू का उठाव पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है। इसका अनुपालन कराने की जिम्मेदारी पंचायत सचिवों पर है। बालू घाट से प्राप्त राजस्व की जानकारी बैंक विवरण के साथ उपलब्ध करानी होगी।
जल स्रोतों की निगरानी और उपयोग
जिला पंचायती राज पदाधिकारी श्री श्रेयांस ने कहा कि जल मीनार, चापानल जैसे जल स्रोतों को नियमित चालू अवस्था में रखना आवश्यक है। साथ ही जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र पंचायत सचिवालय से निर्गत कराने की प्रक्रिया को मजबूत करने को कहा गया।
अवैध अफीम खेती पर सख्त रुख
बैठक में स्पष्ट चेतावनी दी गई कि जिन पंचायत क्षेत्रों में अवैध अफीम की खेती होती है, वहां के मुखिया को उत्तरदायी माना जाएगा। पंचायत सचिवों को निर्देश दिया गया कि वे मुखिया को जानकारी दें और आवश्यकतानुसार प्रशासन को अवगत कराएं ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।
मादक द्रव्यों के विरोध में जागरूकता अभियान
झारखंड सरकार के निर्देशानुसार 10 से 26 जून तक मादक द्रव्यों के खिलाफ एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सभी पंचायत सचिवों को अपने क्षेत्र में सफल अभियान संचालन के लिए कार्य योजना बनाकर क्रियान्वयन करने का निर्देश मिला।
न्यूज़ देखो: पंचायतों में पारदर्शिता और जागरूकता की ओर बढ़ते कदम
न्यूज़ देखो इस बात को बखूबी समझता है कि गांव की प्रगति पंचायत की सक्रियता पर निर्भर करती है।
आज का यह संवाद ग्रामीण शासन व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक प्रभावी पहल है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
पंचायत के विकास की नींव – सक्रिय सचिव, सजग समाज
पंचायत सचिवों की सक्रियता, ज्ञान केंद्रों की बहाली और सामाजिक जिम्मेदारी से ही गांवों की तस्वीर बदलेगी।
अब समय है नियमों के पालन के साथ-साथ जन-जागरूकता को भी प्राथमिकता देने का।