#गिरिडीह #LIC : वार्षिक बैठक में उठे मुद्दे—कर्मचारियों की कमी, बढ़ती पॉलिसियां और सामाजिक सरोकार
- हजारीबाग मंडल गिरिडीह शाखा इकाई की बैठक एलआईसी परिसर में आयोजित।
- मंडलीय अध्यक्ष हेमंत मिश्रा और महासचिव जे सी मित्तल रहे मुख्य अतिथि।
- आर्थिक असमानता, महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं पर हुई चर्चा।
- कर्मचारियों की कमी और पॉलिसियों में वृद्धि को लेकर जताई गई चिंता।
- बैठक के बाद वृद्धा आश्रम में मिठाई वितरण, सामाजिक सेवा का दिया संदेश।
गिरिडीह स्थित एलआईसी शाखा परिसर में बीमा कर्मचारी संघ हजारीबाग मंडल गिरिडीह शाखा इकाई की वार्षिक आम बैठक आयोजित हुई। बैठक में मंडलीय अध्यक्ष हेमंत मिश्रा और महासचिव जे सी मित्तल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। शुरुआत में दोनों अतिथियों का पौधा भेंट कर स्वागत किया गया।
आर्थिक चुनौतियों और सामाजिक सरोकारों पर चर्चा
बैठक में शाखा सचिव धर्म प्रकाश ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए देश में बढ़ती आर्थिक असमानता, महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को रेखांकित किया।
हेमंत मिश्रा ने कहा: “धार्मिक भावनाओं को उभार कर ध्रुवीकरण किया जा रहा है ताकि राजनीति में लाभ लिया जा सके।”
महासचिव जे सी मित्तल ने संगठन की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि जिस तरह सैनिक देश की सुरक्षा करते हैं, उसी तरह बीमा कर्मचारी लोगों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं।
एलआईसी में पॉलिसियों की वृद्धि, कर्मचारियों की कमी पर चिंता
बैठक में इस बात पर चिंता जताई गई कि एलआईसी में पॉलिसियों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन कर्मचारियों की संख्या लगातार घट रही है।
जे सी मित्तल ने कहा: “बेहतर ग्राहक सेवा के लिए वर्ग III और IV कर्मचारियों की नियुक्ति जल्द शुरू करनी होगी।”
सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण
बैठक के बाद गिरिडीह के स्नेहदीप वृद्धा आश्रम में संगठन की ओर से बुजुर्गों के बीच मिठाई पैकेट का वितरण किया गया। इस अवसर पर शाखा अध्यक्ष संजय शर्मा, मंडलीय संगठन सचिव अनुराग मुर्मू, सहायक सचिव प्रवीण कुमार हंसदा सहित कई अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
न्यूज़ देखो: संगठन की मजबूती और सामाजिक प्रतिबद्धता
यह बैठक बताती है कि संगठन केवल आर्थिक मुद्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों को भी निभा रहा है। आर्थिक असमानता, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर खुली चर्चा लोकतंत्र की सेहत के लिए जरूरी है।
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संगठन और समाज—दोनों के लिए साथ चलना जरूरी
संगठन तभी मजबूत होगा जब वह कर्मचारियों के हक और समाज की जरूरत दोनों को साथ लेकर चले। अपनी राय हमें कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें, ताकि सकारात्मक बदलाव के संदेश को आगे बढ़ाया जा सके।