
#सिमडेगा #कोलेबिरा : कालाबाजारी रोकने के लिए संयुक्त टीम ने दुकानों का निरीक्षण कर स्टॉक और रेट चार्ट की की जाँच
- कोलेबिरा प्रखंड विकास पदाधिकारी बिरेंद्र किंडो सहित कई अधिकारियों ने दुकानों का किया निरीक्षण।
- राजेंद्र खाद बीज दुकान, कृषि क्रांति खाद बीज भंडार और कृषि सेवा केंद्र की स्टॉक जांच।
- अधिकारियों ने दुकानदारों को यूरिया और डीएपी खाद सही मूल्य पर बेचने का निर्देश दिया।
- दुकानों के बाहर रेट चार्ट अनिवार्य रूप से लगाने का आदेश।
- कालाबाजारी रोकने और नियमित जांच जारी रखने की बात कही गई।
सिमडेगा। खाद और बीज की कालाबाजारी रोकने को लेकर कोलेबिरा प्रखंड में प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए कई दुकानों की जांच की। उपायुक्त और विभागीय निर्देशों के तहत यह अभियान चलाया गया, जिसमें प्रखंड विकास पदाधिकारी बिरेंद्र किंडो, अंचलाधिकारी अनूप कच्छप, प्रभारी कृषि पदाधिकारी गुणवंत प्रसाद और प्रखंड तकनीकी प्रबंधक कृषि पुष्पांजलि कुजूर शामिल रहे।
दुकानों का निरीक्षण और स्टॉक की जांच
अधिकारियों ने पुराना रोड स्थित राजेंद्र खाद बीज दुकान, बानो रोड स्थित कृषि क्रांति खाद बीज भंडार और कृषि सेवा केंद्र कोलेबिरा का निरीक्षण किया। इस दौरान दुकानों के ऑनलाइन और ऑफलाइन स्टॉक का मिलान किया गया और किसी भी तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए दुकानदारों को चेतावनी दी गई।
सख्त निर्देश और चेतावनी
पदाधिकारियों ने दुकानदारों से कहा कि वे यूरिया और डीएपी खाद उचित मूल्य पर ही बेचें। इसके अलावा दुकानों के बाहर रेट चार्ट लगाना अनिवार्य कर दिया गया। स्पष्ट कहा गया कि यदि कालाबाजारी की शिकायत मिली तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
आगे भी होगी कार्रवाई
निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने जानकारी दी कि प्रखंड क्षेत्र के अन्य खाद-बीज दुकानों की भी आने वाले दिनों में इसी तरह जांच की जाएगी। उद्देश्य यह है कि किसानों को उचित दर पर समय पर खाद और बीज उपलब्ध हो सके और कोई भी व्यापारी अनुचित लाभ न उठा सके।

न्यूज़ देखो: किसानों के हित में कड़ा कदम
कोलेबिरा में प्रशासन की यह सख्ती दिखाती है कि सरकार किसानों को ठगे जाने से बचाने के लिए गंभीर है। यदि ऐसे अभियान नियमित चलें, तो खाद और बीज की कालाबाजारी पूरी तरह से खत्म हो सकती है और किसान चैन से खेती कर पाएंगे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जागरूक किसान, मजबूत भविष्य
अब समय है कि किसान भी अपनी आवाज बुलंद करें और गलत मूल्य वसूली की शिकायत प्रशासन तक पहुँचाएँ। आप भी इस खबर को साझा करें और कॉमेंट में बताएं—क्या आपके क्षेत्र में भी खाद-बीज की कालाबाजारी होती है?