#गिरिडीह #वाहन_जांच : डीसी के निर्देश पर जिला परिवहन पदाधिकारी और यातायात पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर ट्रैफिक नियम उल्लंघन करने वालों पर की कार्रवाई
- डीसी श्री रामनिवास यादव के निर्देश पर मुफ़स्सिल थाना के पास सघन वाहन जांच अभियान चलाया गया।
- जिला परिवहन पदाधिकारी श्री संतोष कुमार और यातायात प्रभारी दुगनो टोप्पो के नेतृत्व में हुआ अभियान।
- 30 दोपहिया चालकों से बिना हेलमेट के ₹1,000-₹1,000 का जुर्माना वसूला गया।
- 12 टोटो चालकों से बिना लाइसेंस के ₹5,000-₹5,000 का जुर्माना लिया गया।
- 1 ट्रैक्टर चालक को बिना नंबर प्लेट वाहन चलाने पर पकड़ा गया।
- 4 स्कूल बसों की फिटनेस, परमिट, बीमा और प्रदूषण दस्तावेजों की जांच की गई।
गिरिडीह में सड़क सुरक्षा और नागरिक अनुशासन को लेकर जिला प्रशासन एक्शन मोड में दिखा। मुफ़स्सिल थाना क्षेत्र के पास मंगलवार को डीसी श्री रामनिवास यादव के निर्देशानुसार जिला परिवहन विभाग और यातायात पुलिस की संयुक्त टीम ने विशेष जांच अभियान चलाया। अभियान के दौरान यातायात नियमों की अनदेखी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की गई और लोगों को जागरूक किया गया कि ध्वनि प्रदूषण और ट्रैफिक उल्लंघन दोनों स्वास्थ्य और समाज के लिए गंभीर खतरा हैं।
सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चला अभियान
अभियान का नेतृत्व जिला परिवहन पदाधिकारी श्री संतोष कुमार और यातायात प्रभारी दुगनो टोप्पो ने किया। इस दौरान पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त टीम ने शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों, मुख्य मार्गों और मुफ़स्सिल थाना चौक के आसपास वाहनों की गहन जांच की। टीम ने ब्लैक स्पॉट वाले स्थानों पर विशेष नजर रखी ताकि सड़क दुर्घटनाओं की संभावना को कम किया जा सके।
नियम तोड़ने वालों पर जुर्माना
जांच के दौरान 30 दोपहिया वाहन चालकों को बिना हेलमेट के पकड़ा गया। प्रत्येक से ₹1,000 का चालान काटा गया। वहीं 12 टोटो चालकों को बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाते पाया गया, जिनसे ₹5,000-₹5,000 का जुर्माना वसूला गया। एक ट्रैक्टर चालक को बिना नंबर प्लेट के वाहन चलाने पर हिरासत में लिया गया। साथ ही कई वाहनों को नियमों के अनुरूप दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
जिला परिवहन पदाधिकारी श्री संतोष कुमार ने कहा: “सड़क सुरक्षा नियमों का पालन अनिवार्य है। कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है। भविष्य में भी ऐसे अभियान जारी रहेंगे ताकि दुर्घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।”
स्कूल बसों की फिटनेस जांच
अभियान के दौरान 4 स्कूल बसों की फिटनेस, परमिट, बीमा और प्रदूषण प्रमाणपत्रों की जांच की गई। प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिया कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। यदि किसी स्कूल बस में सुरक्षा मानकों की कमी पाई गई, तो स्कूल प्रबंधन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
यातायात प्रभारी दुगनो टोप्पो ने कहा: “हमारा उद्देश्य दंड नहीं, बल्कि सुरक्षा है। नागरिकों से अपील है कि वे खुद नियमों का पालन करें ताकि सड़कें सुरक्षित रहें।”
ध्वनि प्रदूषण पर सख्ती
अभियान के दौरान प्रेशर हॉर्न और मल्टी हॉर्न लगाने वाले वाहनों पर भी सख्त कार्रवाई की गई। टीम ने कई चालकों को चेतावनी देते हुए कहा कि ध्वनि प्रदूषण न केवल कानों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि मरीजों, बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है।
लोगों को बताया गया कि ध्वनि प्रदूषण अधिनियम का उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है।
नागरिकों को जागरूक किया गया
टीम ने मौके पर मौजूद राहगीरों और वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा से जुड़े नियमों की जानकारी दी। उन्हें हेलमेट और सीटबेल्ट के महत्व के बारे में बताया गया। साथ ही यह भी समझाया गया कि वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग न करें और शराब पीकर गाड़ी चलाना जानलेवा साबित हो सकता है।
सड़क सुरक्षा के प्रति प्रशासन की दृढ़ता
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह अभियान केवल एक दिन का नहीं, बल्कि एक निरंतर प्रक्रिया का हिस्सा है। आने वाले दिनों में भी सघन वाहन जांच और सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया जाएगा ताकि नागरिकों में नियम पालन की आदत विकसित हो सके।
डीसी श्री रामनिवास यादव ने निर्देश दिया है: “जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है। सड़क सुरक्षा कानूनों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”



न्यूज़ देखो: जिम्मेदारी और अनुशासन ही सुरक्षित यातायात की कुंजी
यह अभियान प्रशासन की तत्परता और नागरिक सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सड़क दुर्घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए ऐसे कदम जरूरी हैं। अब सवाल यह है कि नागरिक खुद कितने जिम्मेदार बनते हैं। केवल पुलिस या प्रशासन नहीं, बल्कि हर व्यक्ति को इस बदलाव में योगदान देना होगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सुरक्षित सड़कों के लिए अब हमें खुद आगे आना होगा
हेलमेट पहनना, सीटबेल्ट लगाना और ट्रैफिक नियमों का पालन करना केवल कानून नहीं, जीवन की सुरक्षा है। जब हर नागरिक जिम्मेदारी समझेगा, तभी हादसे कम होंगे और समाज सुरक्षित बनेगा। अब समय है कि हम अपने बच्चों को भी यह संस्कार दें कि सुरक्षा कोई विकल्प नहीं, आवश्यकता है।
अब आपकी बारी — क्या आपने आज हेलमेट पहना?
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