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गिरिडीह सदर अस्पताल में इंटरनेट ठप से मचा बवाल: इमरजेंसी मरीजों के परिजनों ने किया हंगामा

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#गिरिडीह #सदर_अस्पताल – पर्ची के बिना इलाज नहीं, इमरजेंसी में भी मरीजों को करना पड़ रहा है इंतजार

  • गिरिडीह सदर अस्पताल में सोमवार दोपहर 12 बजे हंगामा, पंजीयन न होने से मरीजों को परेशानी
  • इंटरनेट ठप होने पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं, सिर्फ ऑनलाइन पर्ची से होता है इलाज
  • इमरजेंसी मरीजों के परिजनों ने जताई नाराजगी, पर्ची न मिलने से नहीं हो पा रही जांच
  • कर्मियों ने हाथ से लिखी पर्ची देने से किया इनकार, कहा ऊपर से आया है निर्देश
  • प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल, अस्पताल में डिजिटल निर्भरता बनी परेशानी
  • स्थानीय लोगों ने व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की, इमरजेंसी मरीजों के लिए अलग व्यवस्था की जरूरत

पंजीयन ठप, मरीज लाइन में – तकनीकी गड़बड़ी बनी जानलेवा

गिरिडीह सदर अस्पताल में एक बार फिर प्रशासनिक अव्यवस्था सामने आई है। सोमवार को इंटरनेट सेवा बाधित होने के कारण पंजीयन काउंटर बंद हो गया, जिससे इलाज कराने आए कई इमरजेंसी मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा। इस दौरान मरीजों के परिजनों ने काउंटर के बाहर हंगामा किया और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई।

काउंटर कर्मियों ने बताया कि अस्पताल प्रशासन के निर्देश के अनुसार अब हाथ से लिखी पर्ची देना भी मना है। ऐसे में जब इंटरनेट नहीं चलता, तो उनके पास कोई विकल्प नहीं होता

इमरजेंसी में देरी से बिगड़ रहा मरीजों का हाल

इस घटना ने अस्पताल में इमरजेंसी सेवाओं की वास्तविक स्थिति को उजागर कर दिया है। मरीज के परिजनों का कहना है कि जब इमरजेंसी में लाया गया मरीज गंभीर हालत में था, तब भी उन्हें पहले पंजीयन की पर्ची लाने को कहा गया। पर्ची के बिना डॉक्टरों ने हाथ लगाने से इनकार कर दिया।

“हम अपने मरीज को इमरजेंसी में लाए थे, लेकिन बिना पर्ची के कोई देखने को तैयार नहीं था। अगर पर्ची नहीं बन रही थी, तो क्या हम यूं ही मरने देते?”

एक नाराज़ परिजन

वैकल्पिक व्यवस्था का अभाव, जिम्मेदारी से बच रहा प्रशासन

स्पष्ट है कि गिरिडीह सदर अस्पताल में डिजिटल सुविधा के भरोसे ही पूरा पंजीयन तंत्र संचालित हो रहा है, लेकिन जब तकनीकी बाधा आती है तो प्रशासन हाथ खड़े कर देता है। ना तो हाथ से पर्ची देने की सुविधा है, और ना ही कोई इमरजेंसी बैकअप प्लान।

स्थानीय नागरिकों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए प्रशासन से तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की है। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था जिसमें सिर्फ इंटरनेट पर निर्भरता हो, वो आम जनता के लिए नुकसानदायक है।

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