#गढ़वा #अबुआ_आवास — सरकारी पैसे से आवास नहीं बनाने पर लाभुकों पर दर्ज हुई एफआईआर, पंचायत सेवकों ने कराया मामला दर्ज
- अबुआ आवास योजना के तहत ₹30,000 की किस्त लेकर नहीं बनाया गया आवास
- गढ़वा प्रखंड के 13 लाभुकों पर दर्ज हुई प्राथमिकी
- अचला, जाटा और नवादा पंचायतों में सामने आई लापरवाही
- बीडीओ कुमार नरेंद्र नारायण के निर्देश पर हुई कार्रवाई
- पंचायत सेवकों ने गढ़वा थाना में दिए लिखित आवेदन
₹30,000 की किस्त ली, लेकिन एक भी ईंट नहीं रखी
गढ़वा प्रखंड में अबुआ आवास योजना के 13 लाभुकों द्वारा सरकारी धन का दुरुपयोग करने का मामला सामने आया है।
प्रखंड विकास पदाधिकारी कुमार नरेंद्र नारायण के निर्देश पर अचला, जाटा और नवादा पंचायत के पंचायत सेवकों ने गढ़वा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई।
अचला पंचायत के पंचायत सेवक चंद्रदेव तिवारी के अनुसार, तीन लाभुकों ने वर्ष 2023-24 में ₹30,000 की पहली किस्त ली, लेकिन निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया। उन्हें दो बार नोटिस भेजा गया, पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
जाटा पंचायत के 9 लाभुकों पर भी कार्रवाई
इसी प्रकार जाटा पंचायत के पंचायत सेवक रंजन कुमार दुबे ने जानकारी दी कि नौ लाभुकों ने राशि लेने के बावजूद आवास निर्माण शुरू नहीं किया।
इनमें निम्नलिखित नाम शामिल हैं:
- चिंता देवी
- रामपति देवी
- नागवंती देवी
- लखपतिया देवी
- सविता देवी
- पनपतिया देवी
- बबिता देवी
- बुचिया देवी
- बशारत अंसारी
इन सभी ने योजना की पहली किस्त ₹30,000 प्राप्त की लेकिन काम में कोई प्रगति नहीं दिखाई।
नवादा पंचायत के लाभुक पर भी दर्ज हुआ मामला
नवादा पंचायत के सुखवाना गांव निवासी विकास कुमार पर भी इसी तरह की लापरवाही का आरोप लगा है।
उनके खिलाफ भी शिकायत दर्ज कर दी गई है क्योंकि उन्होंने राशि लेने के बावजूद कोई कार्य शुरू नहीं किया।
प्रखंड विकास पदाधिकारी कुमार नरेंद्र नारायण ने कहा: “सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
शासन की चेतावनी: कोई समझौता नहीं
प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अबुआ आवास योजना जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं में किसी प्रकार की लापरवाही पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
एफआईआर दर्ज कर यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि जो भी लाभुक सरकारी धन का गबन करेंगे, उन्हें सजा मिलेगी।
न्यूज़ देखो: जबावदेही तय करने की ठोस पहल
अबुआ आवास योजना में गड़बड़ी के खिलाफ दर्ज एफआईआर यह दर्शाता है कि गढ़वा प्रशासन जवाबदेही तय करने में अब सख्ती बरत रहा है।
जिन योजनाओं का उद्देश्य गरीबों को छत देना है, उन्हें यदि धोखाधड़ी की भेंट चढ़ाया जाएगा, तो प्रशासन का दखल आवश्यक है।
न्यूज़ देखो प्रशासन के इस सक्रिय कदम की सराहना करता है और उम्मीद करता है कि बाकी जिलों में भी ऐसी ही पारदर्शिता लाई जाएगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
योजनाओं की सफलता जनता की ईमानदारी से जुड़ी है
सरकारी योजनाओं को सफल बनाने की जिम्मेदारी प्रशासन के साथ-साथ लाभुकों की भी होती है।
ईमानदारी और जिम्मेदारी से ही समाज में समृद्धि आ सकती है।
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