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- झारखंड बोर्ड 10वीं कक्षा की परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने का बड़ा खुलासा।
- कोडरमा में पुलिस ने की छापेमारी, निजी स्कूल संचालक हिरासत में।
- व्हाट्सएप ग्रुप पर 350 रुपये में बिक रहे थे प्रश्नपत्र, डिजिटल ट्रांजेक्शन का खुलासा।
- मूकबधिर छात्र प्रिंस राणा की भूमिका संदिग्ध, पुलिस कर रही जांच।
- देवघर और गिरिडीह से जुड़े हो सकते हैं तार, पुलिस का दायरा बढ़ा।
JAC 10वीं पेपर लीक: जांच में सामने आए चौंकाने वाले खुलासे
गिरिडीह: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) की 10वीं बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक कांड में बड़ा खुलासा हुआ है। कोडरमा जिले के मरकच्चो और जामू इलाके में पुलिस ने छापेमारी की और एक निजी स्कूल संचालक को हिरासत में लिया है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह मामला और गहराता जा रहा है, जिसमें कई अहम सुराग मिले हैं।
निजी स्कूल संचालक हिरासत में, मोबाइल जब्त
मरकच्चो थाना क्षेत्र के जामू से पुलिस ने प्रज्ञा स्कूल के संचालक प्रशांत कुमार शाह को हिरासत में लिया है। प्रशांत एक कोचिंग संस्थान भी चलाता है और ‘क्लास विद प्रिंस सर’ नाम से यूट्यूब चैनल संचालित करता है। पुलिस ने उसका मोबाइल जब्त कर लिया है और उसकी डिजिटल गतिविधियों की गहन जांच की जा रही है।
व्हाट्सएप ग्रुप पर बिक रहे थे प्रश्नपत्र
पुलिस जांच में सामने आया कि ‘JAC बोर्ड क्वेश्चन पेपर क्लास 10 एंड 12 2025’ नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप सक्रिय था, जिसमें 1000 से अधिक लोग जुड़े हुए थे। इस ग्रुप में प्रिंस नाम के युवक द्वारा 350 रुपये ऑनलाइन पेमेंट लेकर परीक्षा के प्रश्नपत्र बेचे जा रहे थे।
कैसे होता था सौदा?
- ग्रुप में ऑनलाइन स्कैनर साझा किया जाता था।
- 350 रुपये का पेमेंट करने पर प्रश्नपत्र का PDF दिया जाता था।
- PDF खोलने के लिए पासवर्ड मांगा जाता था।
- प्रिंस को पेमेंट भेजने के बाद ही पासवर्ड मिलता था।
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मूकबधिर छात्र प्रिंस राणा की भूमिका संदिग्ध
इस पूरे मामले में प्रिंस राणा नाम का एक छात्र भी पुलिस के रडार पर है। वह मूकबधिर है और इस साल खुद भी 10वीं बोर्ड परीक्षा देने वाला था। लेकिन पुलिस जांच में यह साफ नहीं हो सका कि उसके पास परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र कैसे पहुंचे। पुलिस इस दिशा में गहराई से जांच कर रही है।
मां के खाते में जा रहे थे पैसे
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि इस पूरे रैकेट से प्राप्त पैसों की ट्रांजेक्शन प्रिंस राणा की मां आरती देवी के बैंक खाते में हो रही थी। इससे पुलिस को संदेह है कि यह नेटवर्क संगठित रूप से संचालित किया जा रहा था।
प्रिंस राणा का गुम हुआ मोबाइल और संदेह
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि प्रिंस राणा का मोबाइल कुछ दिनों पहले गुम हो गया था। लेकिन उसने न तो अपना नंबर ब्लॉक कराया और न ही पुलिस को इसकी सूचना दी। इससे यह शक गहरा गया है कि वह इस पूरे मामले का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है।
तकनीकी टीम ने डिलीट डेटा किया रिकवर
पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए प्रशांत कुमार शाह के मोबाइल से कई महत्वपूर्ण डेटा डिलीट पाए गए थे। लेकिन तकनीकी टीम ने उसे रिकवर कर लिया है। इससे इस गिरोह के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश होने की संभावना बढ़ गई है।
देवघर और गिरिडीह से जुड़े हो सकते हैं तार
जांच के दौरान यह आशंका जताई जा रही है कि इस प्रश्नपत्र लीक कांड के तार देवघर और गिरिडीह जिलों से भी जुड़े हो सकते हैं। पुलिस अब इन जिलों में भी अपनी जांच का दायरा बढ़ा रही है।
प्रिंस राणा की गिरफ्तारी के बाद खुलेगा पूरा सच
प्रशासन के सामने अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रिंस राणा सिर्फ एक मोहरा है या फिर वह इस पूरे रैकेट का एक अहम हिस्सा है? पुलिस मान रही है कि उसकी गिरफ्तारी के बाद ही पूरा सच सामने आएगा।
पुलिस की कार्रवाई जारी, और भी हो सकती हैं गिरफ्तारियां
फिलहाल पुलिस प्रिंस राणा की तलाश में जुटी हुई है। अधिकारियों का मानना है कि उसके पकड़े जाने के बाद इस मामले में और बड़े खुलासे हो सकते हैं। प्रशासन इस पूरे गिरोह को बेनकाब करने के लिए तेजी से काम कर रहा है, जिससे झारखंड बोर्ड परीक्षा की शुचिता बनी रहे।
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