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जैक संपूरक परीक्षा 2025: गढ़वा में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम, परीक्षा केंद्रों से 100 मीटर तक निषेधाज्ञा लागू

#गढ़वा #जैकपरीक्षा : एसडीओ संजय कुमार ने परीक्षा में कदाचार रोकने और शांति बनाए रखने के लिए जारी किया आदेश

गढ़वा अनुमंडल अंतर्गत 23 अगस्त से 1 सितम्बर तक आयोजित होने वाली जैक संपूरक एवं समुन्नत माध्यमिक और इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। एसडीओ संजय कुमार ने आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि परीक्षा केंद्रों से 100 मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा लागू की जाएगी। यह निर्णय परीक्षा को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।

परीक्षा केंद्रों की सूची और व्यवस्था

गढ़वा अनुमंडल में कुल चार परीक्षा केंद्र निर्धारित किए गए हैं –
यासीन मिल्लत इंटर कॉलेज गढ़वा, आर.के. गोविंद प्लस टू उच्च विद्यालय गढ़वा, एस.एस.जे.एस. नामधारी इंटर कॉलेज गढ़वा एवं आर.के. प्लस टू उच्च विद्यालय मेराल। इन केंद्रों पर परीक्षाएं दोनों पालियों में होंगी।

निषेधाज्ञा का दायरा और प्रावधान

एसडीओ ने धारा-163 बी.एन.एस.एस. के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक –

परीक्षा की पवित्रता और सुरक्षा पर जोर

एसडीओ ने कहा कि परीक्षा के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी या असामाजिक तत्वों द्वारा बाधा उत्पन्न करने की आशंका को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। परीक्षा की पवित्रता और सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है।

एसडीओ संजय कुमार ने कहा: “कदाचार और अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। परीक्षा केंद्रों के आस-पास शांति और अनुशासन बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।”

विद्यार्थियों और अभिभावकों से अपील

प्रशासन ने छात्रों और अभिभावकों से अपील की है कि वे परीक्षा के दौरान नियमों का पालन करें। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण परीक्षा केंद्र न लाएं और निर्धारित समय पर शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा दें।

न्यूज़ देखो: निष्पक्ष परीक्षा संचालन की दिशा में बड़ा कदम

गढ़वा प्रशासन की यह पहल परीक्षा में कदाचार को रोकने और विद्यार्थियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। निषेधाज्ञा से परीक्षा का वातावरण शांत और सुरक्षित रहेगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

शिक्षा की गरिमा बनाए रखें

परीक्षा केवल अंक प्राप्त करने का साधन नहीं, बल्कि ईमानदारी और अनुशासन का भी परिचय है। अब वक्त है कि विद्यार्थी और समाज मिलकर इस गरिमा को बनाए रखें।
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