#रेहला #नवरात्रि : जय माँ शेरावाली क्लब द्वारा रेहला में नवरात्रि के प्रथम दिन भव्य कलश यात्रा का आयोजन, श्रद्धालुओं ने उत्साह और भक्ति के साथ हिस्सा लिया
- रेहला विद्युत कॉलोनी गेट गोदरमा बी मोड़ से भव्य कलश यात्रा का शुभारंभ।
- यात्रा का मार्ग पूजा स्थल से कोयल नदी तट तक, गाजे-बाजे और भक्तिमय नारों से गुंजायमान।
- महिलाओं और पुरुषों ने कलश सिर पर उठाकर और जयकारे लगाकर पूरे मार्ग में श्रद्धा और उत्साह का प्रदर्शन किया।
- मुख्य अतिथियों में जयपाल सिंह, दीपक बुरुआ, संजय महतो, ओमप्रकाश गुप्ता और मुंशी सेठ उपस्थित रहे।
- कलश स्थापना और विशेष पूजा-अर्चना के माध्यम से श्रद्धालुओं ने सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।
रेहला में सोमवार को आयोजित इस भव्य कलश यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। यात्रा का शुभारंभ जय माँ शेरावाली क्लब के पूजा स्थल से हुआ, जहाँ से श्रद्धालु कलश लेकर कोयल नदी तट तक पहुंचे। पूरे मार्ग में भक्तिमय गीतों और जयकारों से वातावरण गुंजायमान रहा। महिलाओं ने मंगलगीत गाते हुए कलश सिर पर रखा और पुरुष व युवक गाजे-बाजे के साथ माता रानी के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़े।
यात्रा का मार्ग और भक्तिमय उत्साह
कलश यात्रा माता मंदिर से प्रारंभ होकर मुख्य मार्गों से होते हुए कोयल नदी तट तक पहुँची। श्रद्धालुओं ने हर चौक-चौराहे पर एकत्रित होकर आस्था और भक्ति के साथ यात्रा का स्वागत किया। गाजे-बाजे की मधुर धुन और भक्तिमय नारों ने पूरे नगर को उत्साह और भक्ति से सराबोर कर दिया।
प्रमुख अतिथियों और उनके संदेश
यात्रा में मुख्य अतिथि के रूप में बिश्रामपुर के कार्यपालक पदाधिकारी जयपाल सिंह, रेहला थाना प्रभारी दीपक बुरुआ, नगर परिषद अध्यक्ष प्रत्याशी संजय महतो, समाजसेवी ओमप्रकाश गुप्ता और मुंशी सेठ विशेष रूप से उपस्थित रहे।
संजय महतो ने कहा: “माता रानी की पूजा करने से घर-परिवार और समाज में सुख, समृद्धि और शांति का संचार होता है। इस पर्व का उद्देश्य आपसी भाईचारा और प्रेम को बढ़ावा देना है। हमें हर पर्व को इसी भावना से मनाना चाहिए।”
समिति और स्थानीय लोगों की सक्रिय भूमिका
कलश यात्रा को सफल बनाने में समिति के अध्यक्ष कामेश्वर मेहता, सचिव प्रदीप मेहता, उपाध्यक्ष विवेक मेहता, नितेश मेहता, अभिषेक मेहता और उमेश मेहता ने अहम योगदान दिया। स्थानीय ग्रामीणों ने पूरे मार्ग में व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया और श्रद्धालुओं को सुरक्षित और अनुशासित रूप से यात्रा में भाग लेने में मदद की।
कलश स्थापना और पूजा-अर्चना
कोयल नदी तट पहुँचने के बाद कलशों को पूजा पंडाल में विधिविधान से स्थापित किया गया। श्रद्धालुओं ने माता रानी के चरणों में पुष्प अर्पित कर सुख-समृद्धि, शांति और परिवार की मंगलकामना की। इसके साथ ही आगामी दिनों में होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों की श्रृंखला की भी तैयारी की गई।
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यह भव्य कलश यात्रा न केवल धार्मिक उत्साह का प्रतीक बनी, बल्कि समाज में भाईचारे और सहयोग का संदेश भी फैलाया। स्थानीय समिति और प्रशासनिक अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी ने यात्रा को सुरक्षित और अनुशासित रूप से सम्पन्न कराया। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
आस्था और सामाजिक सहभागिता का प्रेरक संदेश
श्रद्धालु इस नवरात्रि पर्व में भक्ति और प्रेम के भाव के साथ शामिल हों और अपने समुदाय में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और समाज में जागरूकता फैलाएँ।