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- जैक मैट्रिक के हिंदी और विज्ञान के बाद अब संस्कृत का प्रश्नपत्र लीक होने की खबर
- संस्कृत की परीक्षा 22 फरवरी को होनी थी, उससे पहले यूट्यूब पर पेपर वायरल
- वायरल पेपर सही है या नहीं, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं
- पहले भी हिंदी और विज्ञान के प्रश्नपत्र लीक होने से परीक्षाएं हुई थीं रद्द
- प्रशासन मामले की जांच में जुटा, दोषियों पर सख्त कार्रवाई संभव
संस्कृत प्रश्नपत्र लीक होने की आशंका
झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) की मैट्रिक परीक्षा एक बार फिर विवादों में आ सकती है। पहले हिंदी A और B तथा विज्ञान के प्रश्नपत्र लीक होने की वजह से परीक्षाएं रद्द कर दी गई थीं, और अब खबर आ रही है कि संस्कृत का प्रश्नपत्र भी लीक हो सकता है। परीक्षा से एक दिन पहले यूट्यूब के एक चैनल पर यह प्रश्नपत्र वायरल हो रहा है, जिससे छात्रों और अभिभावकों में हड़कंप मच गया है।
वायरल पेपर सही है या अफवाह?
संस्कृत की परीक्षा 22 फरवरी को होनी है, लेकिन इससे पहले सोशल मीडिया और यूट्यूब पर इसका प्रश्नपत्र वायरल होने की खबरें सामने आई हैं। हालांकि, ‘न्यूज़ देखो’ इसकी पुष्टि नहीं करता है कि वायरल प्रश्नपत्र सही है या नहीं। लेकिन इस तरह के मामलों ने परीक्षा की शुचिता पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
हिंदी और विज्ञान के पेपर लीक से पहले ही हो चुका है नुकसान
यह पहली बार नहीं है जब जैक बोर्ड परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने की खबर आई हो। 18 फरवरी को होने वाली हिंदी A और B तथा 20 फरवरी को विज्ञान की परीक्षा के प्रश्नपत्र भी लीक हो गए थे। सोशल मीडिया पर इन पेपर के वायरल होने के बाद प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन परीक्षाओं को रद्द कर दिया था। अब संस्कृत का पेपर भी वायरल होने की खबर के बाद प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है।
पुलिस और प्रशासन की सक्रियता बढ़ी
पहले हुए प्रश्नपत्र लीक मामलों के चलते पुलिस और प्रशासन पहले से ही अलर्ट मोड में हैं। हिंदी और विज्ञान के प्रश्नपत्र लीक मामले में कोडरमा के एक स्कूल संचालक और कई अन्य संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था। तकनीकी टीम पूरे मामले की जांच कर रही है, और अब संस्कृत के प्रश्नपत्र लीक मामले को भी गंभीरता से लिया जा रहा है।
छात्रों और अभिभावकों में आक्रोश
लगातार हो रही लीक घटनाओं से छात्र और अभिभावक परेशान हैं। पहले ही दो विषयों की परीक्षा रद्द होने से छात्रों को मानसिक तनाव झेलना पड़ा था, और अब अगर संस्कृत का प्रश्नपत्र भी लीक होता है तो परीक्षा प्रक्रिया पर और भी सवाल उठेंगे। कई छात्र इस बार की परीक्षा को लेकर असमंजस में हैं और चाहते हैं कि प्रशासन इस मामले में सख्त कार्रवाई करे।
प्रशासन की अपील: अफवाहों से बचें
प्रशासन ने छात्रों और अभिभावकों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और किसी भी वायरल हो रहे प्रश्नपत्र पर भरोसा न करें।
JAC बोर्ड की ओर से भी कहा गया है कि परीक्षा की गोपनीयता बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है, और यदि कोई व्यक्ति प्रश्नपत्र लीक करने या फैलाने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष: क्या होगी आगे की कार्रवाई?
संस्कृत प्रश्नपत्र लीक होने की खबर से फिर से विवाद खड़ा हो गया है। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि परीक्षा प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया जाए। अब देखना यह होगा कि क्या संस्कृत का पेपर भी लीक हुआ है या यह सिर्फ अफवाह है।
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