
#सरईडीह #धार्मिक_कार्यक्रम : मदरसा फैजाने गरीब नवाज द्वारा ग्यारहवीं शरीफ के अवसर पर बच्चों के लिए जलसा और प्रतियोगिता का आयोजन
- ग्यारहवीं शरीफ के अवसर पर सरईडीह में जलसा सह गौसुलवरा मुकाबला आयोजित।
- सिफत फातिमा, शम्मा प्रवीन, नरगिस प्रवीन और अरमान रज़ा को शिल्ड और मेडल से सम्मानित किया गया।
- प्रमुख अतिथि इमाम अब्दुल हन्नान जौहर और सदर आफताब आलम ने बच्चों को सम्मानित किया।
- मदरसा के शिक्षक और धार्मिक विद्वान मौलाना जुबैर अहमद मसूदी, गुलाम अहमद रज़ा उपस्थित रहे।
- अंजुमन कमेटी के सदस्य ने आयोजन में सहयोग और बच्चों को प्रोत्साहित किया।
ग्यारहवीं शरीफ के इस अवसर पर सरईडीह का मदरसा फैजाने गरीब नवाज बच्चों और ग्रामीणों के लिए एक समर्पित कार्यक्रम लेकर आया। शनिवार की शाम को आयोजित जलसा में बच्चों ने धार्मिक ज्ञान और पाठशाला में सीखी हुई तालिम का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों और कमेटी सदस्यों ने बच्चों की उपलब्धियों की सराहना की और उन्हें प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम की रूपरेखा
जलसा की शुरुआत इमाम अब्दुल हन्नान जौहर और सदर आफताब आलम के स्वागत और दीप प्रज्वलन से हुई। इसके बाद बच्चों द्वारा कुरान और धार्मिक पाठों का अभ्यास प्रदर्शित किया गया। आयोजकों ने सुनिश्चित किया कि प्रत्येक बच्चे को मंच पर आने और अपने कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर मिले।
सम्मान समारोह
कार्यक्रम में सिफत फातिमा, शम्मा प्रवीन, नरगिस प्रवीन और अरमान रज़ा को विशेष शिल्ड और मेडल से सम्मानित किया गया। इसके अलावा अन्य बच्चों को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए गए। इस अवसर पर मदरसा के शिक्षक और धार्मिक विद्वान मौलाना जुबैर अहमद मसूदी, गुलाम अहमद रज़ा, कारी नकीब, कारी जुबैर उपस्थित रहे। उन्होंने बच्चों को उनके प्रयासों और मेहनत के लिए बधाई दी।
अंजुमन कमेटी की भूमिका
अंजुमन कमेटी के सेक्रेटरी अकबर अंसारी उर्फ गुड्डू, अलीहसन अंसारी, इसराफिल अंसारी उर्फ पचू, शमशाद अंसारी, इस्लाम अंसारी, कमरुद्दीन मियां और शरीफ मियां सहित अन्य सदस्य कार्यक्रम में सक्रिय रहे। उन्होंने बच्चों को प्रेरित किया और कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।

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इस कार्यक्रम ने यह साबित किया कि धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम बच्चों में नैतिकता, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा देते हैं। आयोजकों की सक्रिय भूमिका और कमेटी के सहयोग से बच्चों को अपने कौशल और ज्ञान को प्रदर्शित करने का उचित मंच मिला।
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बच्चों में सीख और प्रेरणा का संचार
धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बच्चों की भागीदारी उन्हें अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाती है। यह समय है कि हम बच्चों को मंच दें, उनकी प्रतिभा को पहचानें और उन्हें भविष्य में सफल नागरिक बनने के लिए प्रोत्साहित करें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि समाज में बच्चों की शिक्षा और प्रतिभा को बढ़ावा मिले।