
#गिरिडीह #जनतादरबार : उपायुक्त कार्यालय में सुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा देने की पहल
- गिरिडीह जिला प्रशासन ने जनता दरबार की शुरुआत की।
- हर मंगलवार और शुक्रवार को उपायुक्त कार्यालय में होगा आयोजन।
- भूमि विवाद, पेंशन, राशन, आवास, स्वास्थ्य समेत समस्याओं की सुनवाई।
- कई मामलों का मौके पर ही निपटारा, शेष मामलों पर त्वरित कार्रवाई।
- उपायुक्त ने अधिकारियों को समयबद्ध निष्पादन का दिया निर्देश।
गिरिडीह जिला प्रशासन आम जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान और सुशासन को मजबूत करने के लिए जनता दरबार का आयोजन कर रहा है। प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को उपायुक्त कार्यालय में होने वाला यह आयोजन जिले के नागरिकों और प्रशासन को जोड़ने का एक प्रभावी माध्यम बन गया है।
जनता की समस्याओं के समाधान का मंच
इस दरबार में जिले के विभिन्न इलाकों से दर्जनों लोग अपनी व्यक्तिगत, सामाजिक और सामुदायिक समस्याओं के समाधान के लिए पहुंचते हैं। भूमि विवाद, सामाजिक सुरक्षा योजनाएं, पेंशन, राशन, शिक्षा, पेयजल, अबुआ आवास योजना और स्वास्थ्य जैसी समस्याओं से जुड़े आवेदन यहां प्रस्तुत किए जाते हैं। कई मामलों का समाधान मौके पर ही कर दिया जाता है, जबकि शेष मामलों में संबंधित विभागों को तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए जाते हैं।
पारदर्शी निष्पादन पर जोर
उपायुक्त महोदय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर समयबद्ध ढंग से निपटाया जाए। भूमि विवादों के समाधान के लिए विशेष रूप से अंचलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। इससे न केवल आमजन को त्वरित राहत मिल रही है बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं में भी पारदर्शिता सुनिश्चित हो रही है।
जनता के लिए खुला मंच
प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि आम नागरिक मंगलवार और शुक्रवार के अलावा भी कार्यालय आकर अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। ऐसी सभी शिकायतों का निराकरण प्राथमिकता से किया जाएगा। इस कदम से जनता को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए लगातार प्रशासनिक सहयोग मिल रहा है।
विश्वास और पारदर्शिता का वातावरण
यह व्यवस्था अब सीधे संवाद का सशक्त मंच बन चुकी है। नागरिक अपनी समस्याएं सीधे उपायुक्त और संबंधित अधिकारियों के सामने रखते हैं और प्रशासन उन्हें निष्पक्षता के साथ सुनता है। इससे प्रशासन और जनता के बीच भरोसे का नया रिश्ता कायम हो रहा है।



न्यूज़ देखो: जनता की आवाज को मिला सीधा प्रशासनिक मंच
गिरिडीह का जनता दरबार केवल शिकायतें सुनने का कार्यक्रम नहीं, बल्कि सुशासन की एक जीवंत मिसाल है। इससे यह साबित होता है कि जब प्रशासन नागरिकों तक सीधे पहुंचता है तो समस्याओं का समाधान तेज़ और निष्पक्ष तरीके से संभव हो सकता है।
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जनसुनवाई से बढ़ेगा विश्वास
जनता दरबार ने आम लोगों को यह भरोसा दिया है कि उनकी समस्याओं को सुना और हल किया जाएगा। अब समय है कि नागरिक भी सक्रिय होकर अपनी समस्याओं को इस मंच पर रखें और प्रशासन के साथ मिलकर एक सशक्त और जवाबदेह व्यवस्था की ओर कदम बढ़ाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि जागरूकता फैले।