#विशुनपुरा #मिलादुन्नबी : मोहम्मद पैगम्बर की याद में अमन, मोहब्बत और भाईचारे का पैगाम
- विशुनपुरा प्रखंड में मुस्लिम समुदाय ने पूरे उत्साह से मनाया मिलादुन्नबी।
- 12वीं रबी-उल-अव्वल पर निकाला गया जुलूस, बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
- “अमन, इंसानियत और भाईचारा” का संदेश गूंजता रहा पूरे रास्ते।
- जुलूस मधुरी गाँव से संध्या मोड़ तक निकाला गया।
- थाना प्रभारी राहुल कुमार सिंह को फूलमाला व अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया।
- शांति और सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई।
विशुनपुरा प्रखंड की सरज़मीं शुक्रवार को मोहम्मद पैगम्बर की याद में रोशन हो उठी। 12वीं रबी-उल-अव्वल (मिलादुन्नबी) के मौके पर मुस्लिम समुदाय ने पूरे उत्साह और आस्था के साथ जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला। इस जुलूस ने न सिर्फ धार्मिक जोश जगाया बल्कि समाज को अमन, मोहब्बत और भाईचारे का गहरा संदेश भी दिया।
जुलूस का मार्ग और रौनक
भव्य जुलूस की शुरुआत मधुरी गाँव से हुई। नारे-ए-तकबीर और नात-ए-पाक की गूंज के बीच यह कारवां महुली-कोचेया मोड़, रमूना-मझिआँव मार्ग, गांधी चौक और ऊपर बाजार होते हुए संध्या मोड़ पहुंचा। पूरे मार्ग पर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की बड़ी संख्या ने भागीदारी निभाई और एकता का अद्भुत नज़ारा पेश किया।
सम्मान और सौहार्द्र का पैगाम
इस मौके पर मधुरी गाँव में बिसुनपुरा थाना प्रभारी राहुल कुमार सिंह का स्वागत फूलमाला और अंगवस्त्र पहनाकर किया गया। यह दृश्य आपसी सम्मान और भाईचारे का प्रतीक रहा। स्थानीय लोग पुलिस प्रशासन की उपस्थिति को सराहते दिखे।
लोगों की उपस्थिति और योगदान
इस पर्व में मधुरी गाँव से सदर अशरफ अंसारी, हसमत अंसारी, तकरीम अंसारी, अब्बास अंसारी, यासीन अंसारी, पतागड़ा से इसराइल अंसारी, नसमुद्दीन अंसारी, कमरुद्दीन अंसारी, उल्फत अंसारी और अमहर गाँव से सुभान अंसारी, अली अंसारी, अमानत अंसारी, समसुद्दीन अंसारी समेत बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की।
सौहार्द्र और सुरक्षा
पूरे कार्यक्रम के दौरान पुलिस बल मुस्तैद रहा और शांति व्यवस्था पूरी तरह कायम रही। इस मौके पर हर तरफ गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक देखने को मिली। विशुनपुरा का यह जुलूस मिलादुन्नबी समाज में आपसी भाईचारे और धार्मिक उत्साह का बेहतरीन उदाहरण बनकर सामने आया।
न्यूज़ देखो: अमन और इंसानियत का जश्न
मोहम्मद पैगम्बर की याद में निकला यह जुलूस हमें याद दिलाता है कि इंसानियत, भाईचारा और मोहब्बत ही असली तालीम है। विशुनपुरा का यह उत्सव आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मिसाल कायम करेगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
मोहब्बत और भाईचारे की राह पर चलें
हज़रत मोहम्मद की सीरत यही कहती है कि इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है। अब समय है कि हम सब अमन और भाईचारे की राह पर चलें और समाज को एक बेहतर दिशा दें।
अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि यह पैगाम और दूर तक पहुंचे।