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जातीय जनगणना को मिली मंजूरी: ओबीसी मोर्चा गढ़वा ने जताया आभार, सांसद विष्णु दयाल राम की पहल को बताया निर्णायक

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#गढ़वा #जातीयजनगणनामंजूरी – ओबीसी समाज को मिलेगी नई पहचान, जनगणना से सामाजिक न्याय की दिशा में बढ़ेगा विश्वास

  • जातीय जनगणना के फैसले पर राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा गढ़वा ने जताई खुशी
  • युवा जिला अध्यक्ष शुभम गुप्ता ने सांसद विष्णु दयाल राम को कहा धन्यवाद
  • जनगणना से ओबीसी समाज की संख्या और भागीदारी को मिलेगा आधार
  • जातीय आंकड़ों के आधार पर बनेगी सामाजिक विकास की नीतियां
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जताया गया आभार
  • ओबीसी समाज को संघर्ष के बाद मिली बड़ी जीत

गढ़वा से उठा समर्थन का स्वर: सांसद की भूमिका को सराहा गया

गढ़वा में जातीय जनगणना को लेकर ओबीसी समाज में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। केंद्र सरकार द्वारा देशभर में जातीय जनगणना कराए जाने के निर्णय पर राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा गढ़वा ने जोरदार स्वागत किया है।

युवा जिला अध्यक्ष शुभम गुप्ता ने इस निर्णय को “सामाजिक न्याय की जीत” बताया और कहा कि यह ओबीसी समाज की वर्षों की मांग का सार्थक उत्तर है। उन्होंने इसके लिए पलामू सांसद विष्णु दयाल राम की भूमिका को निर्णायक करार दिया।

“कुछ महीने पूर्व हमने एक मांग पत्र सांसद को सौंपा था, जिसमें जातीय जनगणना की मांग प्रमुख रूप से की गई थी। आज उस मांग को केंद्र सरकार ने मान लिया है, यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण है।”
शुभम गुप्ता, युवा जिला अध्यक्ष, राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा गढ़वा

सामाजिक संतुलन और नीति निर्धारण में मिल सकता है नया आधार

शुभम गुप्ता ने जातीय जनगणना को सामाजिक नीति निर्धारण के लिए बेहद आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल विभिन्न वर्गों की जनसंख्या का सटीक आंकलन होगा, बल्कि सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू कर सकेगी।

‘जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी भागीदारी’ का नारा अब हकीकत बन सकेगा। यह जनगणना ओबीसी, दलित और वंचित वर्गों के लिए योजनाओं का रास्ता प्रशस्त करेगी।

“यह सिर्फ आंकड़े नहीं होंगे, बल्कि सामाजिक न्याय की नींव को मजबूत करने वाला ऐतिहासिक दस्तावेज होगा।”
शुभम गुप्ता

प्रधानमंत्री मोदी को बताया सामाजिक न्याय का संरक्षक

ओबीसी मोर्चा ने इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आभार प्रकट किया। शुभम गुप्ता ने कहा कि यह निर्णय मोदी सरकार की समावेशी सोच को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि इस कदम से ओबीसी समाज को उनकी जनसंख्या के अनुसार हक और पहचान मिलेगी, जिससे वर्षों से चली आ रही वंचना को खत्म करने की दिशा में निर्णायक पहल होगी।

“यह फैसला मोदी जी की सामाजिक न्याय और समानता की सोच को दर्शाता है, इससे ओबीसी समाज को अपनी असली ताकत समझने का मौका मिलेगा।”
शुभम गुप्ता

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