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जतपुरा की कीचड़ में फंसा भविष्य: दलदल बनी सड़क से ग्रामीण बेहाल, स्कूली बच्चों को दो किलोमीटर घूमकर जाना पड़ रहा स्कूल

#विशुनपुरा #ग्रामीणसड़कसमस्या : मुख्य पथ से विद्यालय तक की सड़क कीचड़ में तब्दील — जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर गुस्साए ग्रामीण

गड्ढों और कीचड़ से जूझ रहा जतपुरा गांव

गढ़वा जिले के विशुनपुरा प्रखंड के जतपुरा गांव की सड़क लोगों के लिए मुसीबत बन गई है।
सरांग पंचायत के वार्ड 3 में अरियो मुख्य पथ से होकर मध्य विद्यालय जतपुरा और मौजी बियार के घर तक जाने वाली सड़क बरसात में पूरी तरह दलदल बन चुकी है।

सिर्फ जुलाई की शुरुआत में ही इस मार्ग पर आवागमन नामुमकिन हो गया है, जबकि आगे पूरा मानसून बाकी है। स्कूल जाने वाले बच्चों, वृद्धों, महिलाओं और आम ग्रामीणों को इस सड़क से गुजरने में जान जोखिम में डालनी पड़ रही है।

बच्चों को स्कूल जाने में दो किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर

इस रास्ते से रोजाना मध्य विद्यालय, आंगनबाड़ी और जन वितरण प्रणाली की दुकान तक ग्रामीणों को आना-जाना होता है।
लेकिन कीचड़ से सना यह मार्ग इतना बदतर हो गया है कि स्कूली बच्चों को दो किलोमीटर लंबा वैकल्पिक रास्ता लेकर विद्यालय पहुंचना पड़ रहा है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और बुजुर्गों व महिलाओं को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

जनप्रतिनिधियों की चुप्पी से ग्रामीणों में नाराजगी

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस सड़क की हालत वर्षों से खराब है और इसे लेकर कई बार पंचायत से लेकर ब्लॉक तक गुहार लगाई गई है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ।

सामाजिक कार्यकर्ता यशवंत प्रजापति ने बताया:

“हमने सड़क को लेकर पहले भी कई बार आवाज उठाई, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं लिया गया। सड़क बन जाए तो ग्रामीणों और बच्चों को बड़ी राहत मिलेगी।”

ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय सभी नेता वोट मांगने आते हैं, लेकिन बाद में समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं देता।

मुखिया ने बताया कारण, पंचायत स्तर से असमर्थता जताई

मुखिया ब्यूटी सिंह ने बताया कि यह सड़क पहले ग्रेड-2 के तहत बनी थी और अब जर्जर हो चुकी है। उन्होंने कहा—

“हमने मनरेगा से इसे बनवाने की कोशिश की, लेकिन लंबी दूरी और ग्रेड-2 रोड होने के कारण पंचायत स्तर से निर्माण संभव नहीं है। फिर भी हम प्रयास कर रहे हैं कि उच्च स्तर से इसे बनवाया जाए।”

हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि यह जवाब सालों से सुनते आ रहे हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।

न्यूज़ देखो: विकास के दावों को चिढ़ाती जमीनी हकीकत

जतपुरा गांव की यह सड़क उन सरकारी दावों को कठघरे में खड़ा करती है जो हर घर तक सड़क पहुंचाने की बात करते हैं।
जब स्कूली बच्चे कीचड़ में फिसलते हुए विद्यालय जाएं और आम लोग जरूरी सुविधाओं से कट जाएं, तो सवाल उठता है कि सिस्टम किसके लिए है?
न्यूज़ देखो ऐसी जमीनी सच्चाइयों को उजागर करता है ताकि जनता की आवाज़ उन तक पहुंचे जो निर्णय लेते हैं।
अब वक्त है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी समझें और सिर्फ आश्वासन नहीं, कार्रवाई करें।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जागरूकता से ही आएगा बदलाव

यदि हम सब मिलकर आवाज़ उठाएं, तो व्यवस्था को झुकना ही होगा।
आप भी इस खबर पर अपनी राय दें, कमेंट करें, और अपने दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ शेयर करें।
क्योंकि बदलाव तभी संभव है जब हर नागरिक अपने हक के लिए जागरूक हो।

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