
#रांची #विधानसभा_सत्र : 5 से 11 दिसंबर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट और महत्वपूर्ण विधेयकों पर गहन चर्चा की तैयारी
- झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर से 11 दिसंबर तक, कुल पांच कार्यदिवस का।
- सत्र पूर्व सर्वदलीय बैठक में अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो, CM हेमंत सोरेन, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी की उपस्थिति।
- सोमवार, 8 दिसंबर को द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी सदन में पेश की जाएगी।
- विपक्ष ने अनुपूरक बजट पर अधिक समय की मांग की, जिसे स्वीकार किया गया।
- 10 दिसंबर को सरकारी विधेयक होंगे पेश; चर्चा के बाद पारित किए जाने की तैयारी।
- अध्यक्ष ने सदस्यों से सौहार्दपूर्ण और सार्थक संचालन हेतु सदन का समय बचाने की अपील की।
झारखंड विधानसभा का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र शुक्रवार 5 दिसंबर को सुबह 11 बजे से शुरू हो गया। सत्र की शुरुआत से पहले विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो ने सदन की कार्यवाही को सुचारू और रचनात्मक बनाने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी और सभी प्रमुख दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। पहले दिन शोक प्रस्ताव के बाद कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी जाएगी, जिसके चलते सत्र कुल पांच दिन का रहेगा।
सदन के सुचारू संचालन पर जोर
अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो ने सभी दलों के नेताओं से अपील की कि सदन की गरिमा को बरकरार रखते हुए अधिक से अधिक समय जनहित के मुद्दों और राज्य के महत्वपूर्ण प्रश्नों पर चर्चा के लिए दिया जाए। उन्होंने कहा कि सदन का हर मिनट महत्वपूर्ण है और इसे राज्य के विकास में उपयोग किए जाने की आवश्यकता है। सभी दलों ने मिलकर सत्र को रचनात्मक बनाने का आश्वासन दिया, जिससे आगामी कार्यवाही को लेकर सकारात्मक माहौल बना हुआ है।
वित्तीय और विधायी एजेंडा प्रमुख
इस शीतकालीन सत्र में वित्तीय और विधायी कार्य सबसे महत्वपूर्ण रहेंगे।
- सोमवार, 8 दिसंबर को प्रश्नकाल के बाद द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी सदन में पेश की जाएगी।
- मंगलवार, 9 दिसंबर को इस पर विस्तृत चर्चा होगी और इसके उपरांत इसे पारित किया जाएगा।
- इसी दिन विनियोग विधेयक भी सदन में लाया जाएगा।
- बुधवार, 10 दिसंबर को प्रश्नकाल के बाद कई महत्वपूर्ण राजकीय विधेयक पेश होंगे, जिन पर चर्चा कर उन्हें पारित किया जाएगा।
संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने स्पष्ट किया कि परिस्थितियों के बावजूद सत्र की अवधि बढ़ाने की संभावना नहीं है और सभी से अनुरोध किया कि इन पांच दिनों का अधिकतम उपयोग किया जाए।
विपक्ष की आपत्तियाँ और सहयोग
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने अनुपूरक व्यय विवरणी पर अधिक समय देने का आग्रह किया, ताकि राज्य के वित्तीय मामलों पर व्यापक चर्चा की जा सके। सर्वदलीय बैठक में इस मांग को स्वीकार कर लिया गया, जो दर्शाता है कि विपक्ष वित्तीय पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर गंभीर है। उन्होंने सरकार से जनहित के मुद्दों पर स्पष्ट और ठोस जवाब देने की भी उम्मीद जताई।
सत्र में गरमागरम बहस के आसार
सत्र के दौरान राज्य सरकार को न सिर्फ वित्तीय प्रस्तावों को पारित कराना है, बल्कि विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले जनहित, विकास और प्रशासनिक कार्यों पर भी जवाब देना होगा।
इससे सदन में कई मुद्दों पर विस्तार से बहस की संभावना है। यह सत्र वर्ष 2024-25 के प्रशासनिक कार्यों की समीक्षा का बड़ा मंच भी साबित हो सकता है। अध्यक्ष ने पहले ही सभी दलों से कहा है कि सदन की गरिमा बनाए रखें और रचनात्मक तरीके से चर्चा में भाग लें, ताकि राज्य के भविष्य की दिशा तय हो सके।
न्यूज़ देखो: सत्र में विकास और जवाबदेही की कसौटी अहम
यह शीतकालीन सत्र झारखंड के राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। वित्तीय प्रस्ताव, विधेयक और विपक्ष की मांगों के बीच सरकार को अपने कार्यों का स्पष्ट ब्यौरा देना होगा। रचनात्मक बहस और सहयोगी माहौल राज्य की नीतियों को बेहतर दिशा दे सकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
लोकतंत्र में सदन की गरिमा का सम्मान जरूरी
जनता की उम्मीदें इसी सदन से जुड़ी हैं, जहां नीतियां बनती हैं और भविष्य तय होता है। सभी सदस्यों का दायित्व है कि वे शोर-शराबे से दूर रहकर मुद्दों पर ठोस चर्चा करें।
अपना विचार कमेंट में लिखें और खबर को साझा करें, ताकि जनहित के मुद्दों की आवाज आगे पहुंचे।





