
#रांची #अपराध : अंतरराष्ट्रीय स्तर से प्रत्यर्पित अपराधी से हथियार और वित्तीय नेटवर्क पर पूछताछ
- रामगढ़ जेल से रांची एटीएस मुख्यालय लाया गया मयंक सिंह।
- अदालत से 6 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया।
- अमन साहू गिरोह की कमान संभालकर बढ़ाई थी नेटवर्क की पहुंच।
- बाकू (अजरबैजान) से प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया था।
- सोशल मीडिया पर हथियारों और लग्जरी लाइफ का प्रदर्शन कर रहता था सुर्खियों में।
रांची में बुधवार को झारखंड एटीएस ने कुख्यात अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को रामगढ़ जेल से एटीएस मुख्यालय लाया। अदालत से उसे छह दिन की रिमांड पर लिया गया है। इस दौरान उससे हथियारों की तस्करी, गिरोह के वित्तीय पहलुओं और आपराधिक घटनाओं को लेकर गहन पूछताछ की जाएगी। पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ से कई राज्यों और देशों में फैले आपराधिक नेटवर्क का खुलासा हो सकेगा।
अमन साहू गिरोह की कमान
झारखंड के चर्चित अपराधी अमन साहू की मौत के बाद मयंक सिंह ने गिरोह की कमान अपने हाथ में ले ली थी। उसने गिरोह के वित्तीय पक्ष के साथ-साथ अवैध हथियारों के नेटवर्क को विस्तार दिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मयंक न सिर्फ झारखंड बल्कि कई राज्यों और देशों में सक्रिय गिरोहों से जुड़ा हुआ था।
अंतरराष्ट्रीय प्रत्यर्पण से गिरफ्तारी
मयंक सिंह झारखंड का पहला अपराधी है जिसे विदेश से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया। पिछले साल झारखंड पुलिस ने उसे अजरबैजान की राजधानी बाकू से गिरफ्तार कर भारत लाया था। यह कार्रवाई राज्य पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि मानी गई, जिसने साबित किया कि अब झारखंड पुलिस अपराधियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पकड़ने में सक्षम है।
सोशल मीडिया पर अपराधी की शोहरत
राजस्थान निवासी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी आलीशान जीवनशैली और हथियारों का जखीरा दिखाकर सुर्खियां बटोरता था। लग्जरी लाइफ और अपराध जगत में दबदबा बनाए रखने की उसकी यह शैली युवाओं के बीच उसे कुख्यात बना चुकी थी।
पुलिस की बड़ी उम्मीदें
एटीएस को उम्मीद है कि मयंक की रिमांड से न केवल झारखंड बल्कि अन्य राज्यों में भी सक्रिय गैंग्स की गतिविधियों, पैसों की सप्लाई चेन और हथियारों की तस्करी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगेगी।
न्यूज़ देखो: अपराधियों पर अंतरराष्ट्रीय शिकंजा
झारखंड पुलिस की यह उपलब्धि राज्य में अपराधियों के खिलाफ सख्त रवैये और आधुनिक कार्यशैली की ओर इशारा करती है। सीमाओं के पार जाकर अपराधियों को पकड़ना यह साबित करता है कि अब अपराध चाहे कहीं भी हो, पुलिस का शिकंजा उससे दूर नहीं।
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अपराध से मुक्त समाज की ओर कदम
अब वक्त है कि हम सब मिलकर अपराध और हिंसा की मानसिकता के खिलाफ खड़े हों। युवाओं को अपराध की दुनिया से बचाने के लिए सही दिशा और प्रेरणा दें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि जागरूकता फैलाई जा सके।