
#रांची #मिल्कपाउडरप्लांट : CM हेमंत सोरेन ने मेधा परिसर में रखी झारखंड के पहले मिल्क पाउडर प्लांट की आधारशिला — 80 करोड़ की लागत से तैयार होगा आधुनिक प्लांट
- 20 MT प्रतिदिन क्षमता वाले प्लांट की आधारशिला रखी गई
- राज्य को अब असम या छत्तीसगढ़ पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा
- 80 करोड़ की लागत से बनेगा झारखंड का पहला मिल्क पाउडर प्लांट
- राज्य में प्रतिदिन 60 लाख लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है
- गांवों में दुग्ध संग्रहण केंद्र बढ़ाने की आवश्यकता पर CM ने दिया जोर
श्वेत क्रांति की दिशा में बड़ा कदम
रांची। झारखंड ने शुक्रवार को दुग्ध उत्पादन और प्रसंस्करण क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू किया। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने होटवार स्थित मेधा परिसर में झारखंड के पहले मिल्क पाउडर प्लांट की आधारशिला रखी। इस अवसर पर उपस्थित विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने इसे राज्य के लिए “श्वेत क्रांति की ऐतिहासिक शुरुआत” बताया।
इस 80 करोड़ की लागत से बनने वाले अत्याधुनिक प्लांट की उत्पादन क्षमता 20 मीट्रिक टन प्रतिदिन होगी। यह प्लांट मेधा परिसर में स्थापित किया जा रहा है, जो आने वाले समय में राज्य के अतिरिक्त दुग्ध संग्रहण को मिल्क पाउडर में बदलने में सहायक सिद्ध होगा।
अब झारखंड को नहीं रहना पड़ेगा निर्भर
अब तक झारखंड को अतिरिक्त दुग्ध संग्रहण को पाउडर में बदलने के लिए असम या छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन इस प्लांट के चालू होने के बाद यह काम रांची में ही संभव हो पाएगा, जिससे समय और संसाधन दोनों की बचत होगी।
विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा: “मेधा ने आज 2.5 लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध संग्रहण का आंकड़ा पार किया है, लेकिन राज्य में 60 लाख लीटर प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है, जिससे स्पष्ट है कि हमें और आगे जाना है।”
बिचौलियों से मुक्त होंगे किसान
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंच से यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार गांव-गांव में दुग्ध संग्रहण केंद्र स्थापित करने की योजना पर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि जहां संग्रहण केंद्र नहीं है, वहां बिचौलिए सक्रिय हैं, जो किसानों से मनमाने दाम पर दूध खरीदते हैं।
इसके समाधान के रूप में सरकार ने प्रति लीटर 5 रुपये की प्रोत्साहन राशि सीधे गौपालकों को देने की योजना शुरू की है। इस अवसर पर मंच से कई गौ पालकों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान भी किया गया।
प्लांट से मिलेगा स्थानीय किसानों को बड़ा लाभ
इस प्लांट के चालू हो जाने से झारखंड के दुग्ध उत्पादकों को एक बड़ा बाजार मिलेगा, साथ ही उनकी उत्पादकता और आय दोनों में वृद्धि होगी। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में झारखंड स्वावलंबी दुग्ध उत्पादक राज्य बने।

न्यूज़ देखो: झारखंड की दूध क्रांति की मजबूत बुनियाद
न्यूज़ देखो श्वेत क्रांति की इस ऐतिहासिक पहल का स्वागत करता है। रांची में मिल्क पाउडर प्लांट की स्थापना न केवल दुग्ध प्रसंस्करण को गति देगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों की आय में भी बड़ा बदलाव लाएगी। यह कदम राज्य को आत्मनिर्भरता की दिशा में ले जा रहा है।
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