
#रांची #आदिवासी_हक : जेएलकेएम की उपाध्यक्ष रूपा महतो ने कहा सरकार ठोस कदम उठाकर कुड़मी समाज को मिले एसटी का दर्जा
- जेएलकेएम उपाध्यक्ष रूपा महतो की सरकार से अपील।
- कुड़मी समाज की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान पर जोर।
- जल, जंगल और जमीन से गहरा जुड़ाव रखने वाला समुदाय।
- झारखंड और देश की धरोहर बताया गया कुड़मी समाज।
- एसटी में शामिल करने की ठोस मांग सरकार से।
- भविष्य की पीढ़ियों को हक से वंचित न करने का आग्रह।
रांची में जेएलकेएम की उपाध्यक्ष रूपा महतो ने कहा कि कुड़मी समाज की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान हमेशा से मजबूत रही है। उन्होंने बताया कि यह समुदाय जल, जंगल और जमीन से गहरा जुड़ा हुआ है और अपनी मेहनत, परंपरा और संस्कृति से झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश की धरोहर है।
सरकार से ठोस पहल की मांग
रूपा महतो ने झारखंड सरकार से आग्रह किया कि वह कुड़मी समाज को जल्द से जल्द अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करे। उनका कहना था कि आने वाली पीढ़ियों को उनके हक और अधिकार से वंचित न किया जाए और सरकार ठोस कदम उठाते हुए इस मुद्दे का जल्द समाधान निकाले।
कुड़मी समाज की पहचान और योगदान
कुड़मी समाज लंबे समय से अपनी परंपराओं, रीति-रिवाजों और लोक संस्कृति के लिए जाना जाता है। कृषि और श्रम आधारित जीवनशैली से जुड़ा यह समाज आज भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। इस समुदाय का झारखंड के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने में विशेष स्थान है।
न्यूज़ देखो: पहचान और हक की लड़ाई
कुड़मी समाज का एसटी दर्जे की मांग दशकों से उठती रही है। सरकार के लिए यह जरूरी है कि सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में ठोस पहल की जाए। समुदाय के अधिकारों की रक्षा कर ही झारखंड की सांस्कृतिक विविधता और परंपरा को संरक्षित रखा जा सकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सामाजिक न्याय की ओर कदम बढ़ाएं
अब समय है कि हम सभी हाशिए पर खड़े समुदायों की आवाज़ को समझें और उनके हक-अधिकार दिलाने में सहयोग करें। आप भी अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि न्याय और समानता का संदेश दूर तक पहुंचे।