- झारखंड हाई कोर्ट ने नगर निकाय चुनाव न कराए जाने पर सरकार को फटकार लगाई।
- ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया के नाम पर चुनाव रोकने को गलत बताया।
- रांची नगर निगम की निवर्तमान पार्षद रोशनी खलखो ने दाखिल की अवमानना याचिका।
- चुनाव आयोग और राज्य सरकार को कोर्ट ने नोटिस जारी किया।
- अगली सुनवाई 16 जनवरी को।
रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य में नगर निकाय चुनावों में देरी पर गहरी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने इसे अवमानना का मामला करार दिया और कहा कि राज्य सरकार ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया का बहाना बनाकर चुनाव नहीं रोक सकती। कोर्ट ने इस मुद्दे पर भारत के निर्वाचन आयोग को भी नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी।
पिछले आदेश का पालन नहीं हुआ:
यह मामला रांची नगर निगम की निवर्तमान पार्षद रोशनी खलखो और अन्य की याचिका पर आधारित है। हाई कोर्ट ने 4 जनवरी 2024 को आदेश दिया था कि नगर निकाय चुनाव की तारीखें तीन हफ्ते के भीतर घोषित की जाएं। कोर्ट ने कहा कि चुनाव में देरी करना संवैधानिक ब्रेकडाउन है।
सुनवाई के दौरान क्या हुआ:
सोमवार को जस्टिस आनंद सेन की बेंच में हुई सुनवाई में राज्य सरकार ने बताया कि ओबीसी आरक्षण प्रतिशत तय करने के लिए ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया जारी है। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ट्रिपल टेस्ट के नाम पर चुनाव रोकना गलत है।
चुनाव आयोग को नोटिस:
राज्य निर्वाचन आयोग के वकील ने कोर्ट को बताया कि भारत के निर्वाचन आयोग से कई बार आग्रह के बावजूद नया वोटर लिस्ट उपलब्ध नहीं कराया गया है। राज्य सरकार भी इस प्रक्रिया में सहयोग नहीं कर रही है। कोर्ट ने इस मामले पर भारत के निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया।
झारखंड में अप्रैल 2023 में खत्म हुआ कार्यकाल:
झारखंड में सभी नगर निकायों का कार्यकाल अप्रैल 2023 में समाप्त हो गया था। चुनाव 27 अप्रैल 2023 तक हो जाने चाहिए थे, लेकिन सरकार ने ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट का निर्णय लिया, जिसकी प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई है।
‘न्यूज़ देखो’ के साथ जुड़े रहें:
झारखंड से जुड़ी हर बड़ी खबर सबसे पहले पढ़ने के लिए ‘न्यूज़ देखो’ के साथ जुड़े रहें।