गुमला: झारखंड के शिक्षा मंत्री चामरा लिंडा ने शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि “हमारी सरकार स्कूलों में बच्चों को पोषणयुक्त आहार उपलब्ध करवाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।” इसी उद्देश्य के तहत उन्होंने आज “राजकीय अनुसूचित जनजातीय आवासीय उच्च विद्यालय, जोभीपाठ, बिशुनपुर, गुमला” का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) की गुणवत्ता की व्यक्तिगत रूप से जांच की। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों के साथ बैठकर वही भोजन किया, जो स्कूल में उपलब्ध कराया जा रहा है।
मंत्री ने क्या कहा?
चामरा लिंडा ने कहा, “बच्चों का स्वास्थ्य और शिक्षा झारखंड के विकास का आधार है। यदि हमारे बच्चे स्वस्थ और शिक्षित होंगे, तो झारखंड का भविष्य उज्जवल होगा। सरकार की प्राथमिकता है कि हर स्कूल में बच्चों को पोषणयुक्त और स्वच्छ भोजन मिले।”
निरीक्षण के मुख्य बिंदु
- भोजन की गुणवत्ता: मंत्री ने भोजन की गुणवत्ता और सफाई पर विशेष ध्यान दिया।
- छात्रों से बातचीत: उन्होंने छात्रों से भोजन और अन्य सुविधाओं से जुड़ी जानकारी ली।
- स्टाफ से चर्चा: स्कूल प्रबंधन और रसोई कर्मचारियों को भोजन की गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए।
मंत्री का छात्रों के साथ भोजन
निरीक्षण के दौरान शिक्षा मंत्री ने छात्रों के साथ बैठकर वही भोजन ग्रहण किया, जो स्कूल में परोसा गया। उन्होंने भोजन की गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि स्कूलों में बच्चों के लिए दिए जाने वाले भोजन को और बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।
सरकार की प्रतिबद्धता
चामरा लिंडा ने कहा कि सरकार शिक्षा और पोषण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। मिड-डे मील योजना के तहत बच्चों को बेहतर भोजन उपलब्ध कराने के लिए हर जिले में नियमित निरीक्षण किए जा रहे हैं।
अभिभावकों का भरोसा बढ़ा
मंत्री के इस कदम से अभिभावकों और स्थानीय लोगों में भरोसा बढ़ा है। उनका मानना है कि सरकार बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर गंभीर है।
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