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झारखंड में बिजली दरों का बड़ा झटका! आज जेईआरसी करेगी नई टैरिफ दरों की घोषणा, जेब पर पड़ेगा असर

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#रांची #बिजली_टैरिफ झारखंड विद्युत नियामक आयोग बुधवार को करेगा दरों में संशोधन, आम उपभोक्ताओं की बढ़ेगी चिंता

  • झारखंड विद्युत नियामक आयोग 30 अप्रैल को दोपहर 3 बजे करेगा टैरिफ की घोषणा
  • शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए ₹6.65 से बढ़ाकर ₹8.65 प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव
  • ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए ₹6.30 से ₹8.00 प्रति यूनिट और फिक्स्ड चार्ज में बढ़ोतरी
  • जेबीवीएनएल ने घरेलू उपभोक्ताओं से ₹6433.46 करोड़ राजस्व वसूली का रखा लक्ष्य
  • व्यवसायिक उपभोक्ताओं से ₹1849 करोड़ वसूली की योजना, कुल ज़रूरत ₹10,875 करोड़
  • बढ़ी दरों से पहले से महंगाई झेल रही जनता पर पड़ेगा अतिरिक्त आर्थिक बोझ

बिजली दरों की समीक्षा पूरी, अब फैसले की घड़ी

झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) द्वारा प्रस्तावित नई बिजली दरों पर जनसुनवाई पूरी हो चुकी है। अब झारखंड विद्युत नियामक आयोग (JERC) आगामी 30 अप्रैल, बुधवार को दोपहर 3 बजे वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए टैरिफ दरों की घोषणा करेगा। इस घोषणा के साथ वित्तीय वर्ष 2024-25 की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट (APR) भी प्रस्तुत की जाएगी।

इस बार की समीक्षा में आयोग ने दरों में संशोधन के साथ फिक्स्ड चार्ज में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं। इससे साफ है कि आम जनता को बिजली बिल में अधिक भुगतान करना पड़ सकता है।

शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों पर असर तय

उपभोक्ता के हिसाब से दरों का प्रस्ताव

JBVNL ने शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए अलग-अलग दरें प्रस्तावित की हैं:

शहरी घरेलू उपभोक्ता

  • मौजूदा दर: ₹6.65 प्रति यूनिट
  • प्रस्तावित दर: ₹8.65 प्रति यूनिट
  • फिक्स्ड चार्ज: ₹100 से बढ़ाकर ₹200 प्रति माह

ग्रामीण घरेलू उपभोक्ता

  • मौजूदा दर: ₹6.30 प्रति यूनिट
  • प्रस्तावित दर: ₹8.00 प्रति यूनिट
  • फिक्स्ड चार्ज: ₹75 से बढ़ाकर ₹150 प्रति माह

यह वृद्धि हर उपभोक्ता को सीधे मासिक बजट में झटका दे सकती है। विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों के निम्न आय वर्ग के लिए यह फैसला आर्थिक रूप से और अधिक बोझिल होगा।

JBVNL की परियोजना रिपोर्ट में सामने आई राजस्व की ज़रूरत

JBVNL ने आयोग को सौंपे गए दस्तावेजों में बताया है कि उसे आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल ₹10,875.46 करोड़ की जरूरत है। जिसमें:

  • घरेलू उपभोक्ताओं से ₹6433.46 करोड़
  • व्यवसायिक उपभोक्ताओं से ₹1849 करोड़
  • शेष राशि अन्य उपभोक्ता वर्गों और सब्सिडी के माध्यम से पूरी की जाएगी

इस लक्ष्य को पाने के लिए बिजली दरों में बढ़ोतरी को आवश्यक बताया गया है।

महंगाई की मार के बीच बढ़ी दरें बनी चिंता का विषय

झारखंड पहले से ही ईंधन, गैस और राशन की महंगाई से जूझ रहा है। ऐसे में यदि बिजली की यूनिट दर और फिक्स्ड चार्ज में वृद्धि होती है, तो यह आम जनता की खर्च की टोकरी पर सीधा असर डालेगा।

एक स्थानीय उपभोक्ता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया:

“पहले ही हर चीज़ महंगी हो चुकी है, अब बिजली की दरें बढ़ीं तो बजट पूरी तरह गड़बड़ा जाएगा।”

सरकार की ओर से कोई सब्सिडी या राहत की घोषणा नहीं हुई है, ऐसे में यह वृद्धि सीधे तौर पर जेब पर भार बढ़ाएगी।

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