झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने बड़ा दांव खेलते हुए हेमंत सोरेन के परिवार के खिलाफ उनके ही रिश्तेदारों को मैदान में उतार दिया है। हेमंत सोरेन की भाभी, सीता सोरेन, जामताड़ा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार होंगी, जो पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की सदस्य थीं।
चंपाई सोरेन की एंट्री ने बढ़ाई चुनावी गर्मी
चंपाई सोरेन, जो कभी हेमंत सोरेन की जगह मुख्यमंत्री बने थे, अब बीजेपी के टिकट पर सरायकेला सीट से चुनाव लड़ेंगे। उनके बेटे बाबूलाल सोरेन को भी घाटशिला से टिकट मिला है, जिससे कोल्हान क्षेत्र में बीजेपी ने अपना ट्राइबल वोट बैंक मजबूत करने की कोशिश की है।
ट्राइबल वोट बैंक पर बीजेपी की नजर
झारखंड की 28 विधानसभा सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं, और यही बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण चुनावी जंग का मैदान साबित हो सकती हैं। पिछले चुनाव में संताल और कोल्हान क्षेत्र में बीजेपी की हार हुई थी, लेकिन इस बार पार्टी ने बड़े ट्राइबल नेताओं को टिकट देकर इस वोट बैंक को साधने की कोशिश की है।
बीजेपी का यह कदम साफ तौर पर दिखाता है कि पार्टी ने हेमंत सोरेन के परिवार और उनके पारंपरिक वोट बैंक को चुनौती देने की पूरी तैयारी कर ली है।