झारखंड के मोरहाबादी मैदान में 28 नवंबर को हेमंत सोरेन ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह आयोजन न केवल झारखंड के लिए बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण रहा, क्योंकि इस अवसर पर इंडिया गठबंधन के प्रमुख नेताओं ने अपनी मौजूदगी से कार्यक्रम को खास बना दिया।
शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, और तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन सहित कई अन्य नेता मंच पर मौजूद थे।
इसके अलावा, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार, सीपीआईएमएल के नेता दीपांकर भट्टाचार्य, जम्मू-कश्मीर के नेता फारूक अब्दुल्ला, और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव जैसे नेता भी इस महत्वपूर्ण अवसर का हिस्सा बने।
राजनीतिक महत्व
इस शपथ ग्रहण ने इंडिया गठबंधन की एकता को प्रदर्शित किया और संकेत दिया कि विपक्षी दल आगामी लोकसभा चुनावों में एकजुट होकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह आयोजन हेमंत सोरेन की नेतृत्व क्षमता और गठबंधन की शक्ति को भी उजागर करता है।
भव्य आयोजन
झारखंड के इतिहास में यह शपथ ग्रहण सबसे भव्य था। हजारों की संख्या में लोग कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित थे। हेमंत सोरेन ने जनता को धन्यवाद देते हुए हाथ जोड़कर आभार प्रकट किया। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने उन्हें शपथ दिलाई।
इस कार्यक्रम ने न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश का ध्यान खींचा और इंडिया गठबंधन के बढ़ते प्रभाव को रेखांकित किया।