झारखंड में जंगल बढ़ रहे हैं: वन क्षेत्र में 1.71% की बढ़ोतरी, FSI की रिपोर्ट में लातेहार अव्वल

झारखंड में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रगति
भारत सरकार की फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (FSI) 2023 रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड ने वन क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा शनिवार को जारी रिपोर्ट में झारखंड को उन शीर्ष पांच राज्यों में शामिल किया गया है, जहां वन क्षेत्र सबसे तेजी से बढ़ा है।

दो वर्षों में 287 वर्ग किलोमीटर जंगल बढ़ा
रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड के वन क्षेत्र में 2021 के मुकाबले 2023 में 1.71% की वृद्धि हुई है। अब राज्य का कुल वन क्षेत्र 23,765.78 वर्ग किलोमीटर है, जो राज्य के कुल क्षेत्रफल का 29.81% है। यह 2011 से अब तक 1,000 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि को दर्शाता है।

19 जिलों में हरियाली बढ़ी, 5 जिलों में कमी
झारखंड के 24 में से 19 जिलों में वन क्षेत्र में वृद्धि हुई है। लातेहार में सबसे अधिक 55% वन क्षेत्र दर्ज किया गया है, जबकि चतरा में 15% की कमी दर्ज की गई। देवघर में सबसे कम, केवल 8% वन क्षेत्र है। धनबाद और दुमका में क्रमशः 10.84% और 11.34% वन क्षेत्र है।

घने जंगलों की स्थिति चिंताजनक
हालांकि वन क्षेत्र बढ़ा है, लेकिन घने जंगलों की हिस्सेदारी केवल 3.31% है, जो पर्यावरणीय दृष्टि से चिंता का विषय है। रिपोर्ट इस ओर इशारा करती है कि घने जंगलों की कमी को दूर करने के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है।

पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर सकारात्मक प्रभाव
वन क्षेत्र में यह वृद्धि झारखंड की पर्यावरणीय स्थिरता के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इससे प्रदूषण कम होगा और जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद मिलेगी। हालांकि, घने जंगलों को बढ़ाने की आवश्यकता बनी हुई है ताकि राज्य की हरियाली को और सशक्त बनाया जा सके।

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