- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के निर्देश पर सिविल सर्जन सभागार में कार्यशाला का आयोजन।
- पी.सी.पी.एन.डी.टी एक्ट की धाराओं और अनुपालन पर विस्तृत चर्चा।
- राज्य में गिरते लिंगानुपात और अल्ट्रासाउंड केंद्रों की भूमिका पर जोर।
- सभी स्वास्थ्य संस्थानों में रिकॉर्ड संधारण और सुविधाओं की समीक्षा।
कार्यशाला का उद्देश्य
अभियान निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड रांची के निर्देशानुसार, सिविल सर्जन सभागार में पी.सी.पी.एन.डी.टी एक्ट के अनुपालन और इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का विवरण
सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार की उपस्थिति में आयोजित इस कार्यशाला में ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विभिन्न राज्य स्तरीय अधिकारियों ने भाग लिया। इसमें पी.सी.पी.एन.डी.टी एक्ट की सुसंगत धाराओं की जानकारी दी गई और राज्य में गिरते लिंगानुपात को रोकने के उपायों पर चर्चा की गई।
महत्वपूर्ण चर्चाएं
- अल्ट्रासाउंड केंद्रों को पी.सी.पी.एन.डी.टी एक्ट का पालन सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश।
- स्वास्थ्य संस्थानों में रिकॉर्ड संधारण और मरीजों को सुविधाएं प्रदान करने के मानक।
- राज्य में लिंगानुपात सुधारने के लिए नीतिगत और क्रियान्वयन से संबंधित बिंदु।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पी.सी.पी.एन.डी.टी एक्ट के प्रभावी अनुपालन और इसके तहत संचालित प्रक्रियाओं को मजबूत बनाना था, जिससे राज्य में लिंगानुपात को सुधारने और भ्रूण लिंग परीक्षण रोकने में सफलता मिल सके।
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