#रांची #श्रमिक_संवाद — वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर से BMS प्रतिनिधिमंडल की हुई विशेष भेंटवार्ता
- BMS प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री से मिलकर 108 एम्बुलेंस कर्मियों और अन्य मजदूरों की समस्याएं रखीं
- IIT धनबाद से निकाले गए मजदूरों की पीड़ा पर भी हुई गहन चर्चा
- वित्त मंत्री ने कहा — श्रमिक हितों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता
- 108 सेवा कर्मियों की सैलरी और स्थायित्व पर ठोस सुझावों पर चर्चा
- मंत्री को श्रमिक हितों से जुड़ा ज्ञापन सौंपा गया
- BMS नेताओं ने की नीतिगत बदलावों की मांग, जल्द समाधान का मिला आश्वासन
राज्य के श्रमिकों की मांगों को लेकर आगे आया भारतीय मजदूर संघ
झारखंड में कार्यरत 108 एम्बुलेंस कर्मियों और अन्य मजदूरों की समस्याओं को लेकर भारतीय मजदूर संघ (BMS) के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर से उनके रांची आवास पर मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड के श्रमिकों की जमीनी समस्याओं और अस्थायी रोजगार जैसी गंभीर परिस्थितियों को विस्तार से रखा।
“राज्य के श्रमिकों की समस्याएं गंभीर हैं और हम इनके स्थायी समाधान की दिशा में काम करेंगे” — राधा कृष्ण किशोर
धनबाद IIT से हटाए गए मजदूरों के मसले पर वित्त मंत्री की संवेदनशीलता
इस बैठक में एक महत्वपूर्ण मुद्दा IIT धनबाद से निकाले गए मजदूरों का भी रहा। प्रतिनिधिमंडल ने रोजगार की अनिश्चितता, परिवारिक असुरक्षा और पुनर्नियुक्ति की मांग को मजबूती से मंत्री के समक्ष रखा। इस पर मंत्री ने तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया और कहा कि श्रमिकों के हितों की अनदेखी नहीं की जाएगी।
108 एम्बुलेंस सेवा कर्मियों की स्थिति को लेकर सकारात्मक संकेत
बैठक में विशेष चर्चा 108 एम्बुलेंस सेवा में कार्यरत कर्मचारियों की स्थिति को लेकर हुई। प्रतिनिधियों ने बताया कि इन कर्मियों को न तो स्थायित्व मिला है, न ही तय मानदेय, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि झारखंड की जीवनरेखा माने जाने वाली 108 सेवा को मजबूती देने के लिए कर्मियों की मांगों पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।
“108 सेवा राज्य के हर नागरिक की ज़रूरत है, इसमें काम करने वाले लोग हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं” — राधा कृष्ण किशोर
ज्ञापन के माध्यम से श्रमिकों की व्यापक मांगें सामने रखीं गईं
BMS प्रतिनिधिमंडल ने इस अवसर पर मंत्री को एक आधिकारिक ज्ञापन सौंपा जिसमें झारखंड में श्रमिकों को लेकर सम्बंधित विभागों की निष्क्रियता, ठेकेदारी प्रथा में शोषण, और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से वंचित मजदूरों के विषय में विस्तार से उल्लेख किया गया। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश महामंत्री राजीव रंजन सिंह, संगठन मंत्री बृजेश कुमार, वित्त सचिव चंदन प्रसाद समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल थे। सभी ने मिलकर सरकार से नीतिगत बदलावों की मांग करते हुए समयबद्ध कार्रवाई की उम्मीद जताई।
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