
#बार्सिलोना #स्टार्टअप_ईकोसिस्टम — नवाचार, कृषि प्रसंस्करण और जैव-प्रौद्योगिकी में सहयोग की संभावनाओं पर हुई विस्तृत चर्चा
- प्रवासी भारतीयों ने झारखंड में स्टार्टअप और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए
- स्टार्टअप्स की मैपिंग, ग्लोबल इनक्यूबेटर्स से जुड़ाव और मेंटर्स नेटवर्क के निर्माण का प्रस्ताव
- फूड प्रोसेसिंग में खासकर कटहल और टमाटर जैसे उत्पादों के वैल्यू-एडेड प्रोसेसिंग में निवेश की संभावना
- होडोपैथी, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और फार्मा सेक्टर में लाइसेंसिंग और तकनीकी साझेदारी पर चर्चा
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी सुझावों का स्वागत किया और राज्य को नवाचार का केंद्र बनाने की प्रतिबद्धता जताई
स्टार्टअप को बढ़ावा देने की रणनीति: बार्सिलोना से झारखंड तक की सोच
झारखंड सरकार के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल को प्रवासी भारतीयों और वैश्विक उद्यमियों ने राज्य के स्टार्टअप ईकोसिस्टम को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इस बातचीत में उद्यमिता, नवाचार और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने की रणनीतियों पर विशेष ध्यान दिया गया।
प्रस्तावों में झारखंड में स्टार्टअप और मेंटर्स की डिजिटल मैपिंग, ग्लोबल इनक्यूबेटर्स से कनेक्टिविटी, और स्टार्टअप्स को संरचना, सलाह और पूंजी तक पहुंच की सुविधा देने जैसे उपाय शामिल थे।
“हम झारखंड को देश के उभरते स्टार्टअप हब के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए हरसंभव सहयोग को तैयार हैं।”
— प्रवासी भारतीय प्रतिनिधि
कृषि प्रसंस्करण में निवेश की अपार संभावनाएं
फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में खासतौर पर कटहल और टमाटर जैसे उत्पादों के वैल्यू-एडेड प्रोसेसिंग को लेकर उत्साहजनक चर्चा हुई। प्रतिनिधियों ने झारखंड में कृषि उपज आधारित इकाइयों की स्थापना की संभावनाएं जताईं, जिससे स्थानीय रोजगार और निर्यात दोनों को बढ़ावा मिलेगा।
“कटहल जैसे उत्पादों में झारखंड अग्रणी है, इन्हें प्रोसेस कर वैश्विक बाजार में उतारा जा सकता है।”
— उद्योग विशेषज्ञ
पारंपरिक चिकित्सा और बायोटेक्नोलॉजी में संभावित साझेदारियाँ
झारखंड की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली (होडोपैथी) को वैज्ञानिक आधार पर वैश्विक मंच तक पहुंचाने की बात भी हुई। साथ ही, फार्मास्युटिकल, मेडटेक और बायोटेक क्षेत्रों में किए गए अनुसंधान के लाइसेंसिंग और वाणिज्यिक उपयोग पर भी चर्चा हुई।
इस संवाद के दौरान रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए संस्थागत सहयोग, वैश्विक कंपनियों के साथ तकनीकी हस्तांतरण और संयुक्त निवेश की संभावनाएं भी सामने आईं।
न्यूज़ देखो : झारखंड को नवाचार की दिशा में ले जाती नई पहल
न्यूज़ देखो झारखंड की उन पहलों को सामने लाता है जो राज्य को विकास, नवाचार और आत्मनिर्भरता की नई ऊंचाइयों तक ले जाती हैं। इस अंतरराष्ट्रीय संवाद से साफ है कि झारखंड का भविष्य अब ग्लोबल सोच और स्थानीय क्रियान्वयन पर टिका है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
नवाचार की लहर, झारखंड की ओर
यह संवाद झारखंड को एक ग्लोबल इनोवेशन हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक ठोस कदम है। प्रवासी भारतीयों की सहभागिता से अब राज्य में स्टार्टअप, हेल्थ टेक, कृषि प्रोसेसिंग और बायोटेक्नोलॉजी में नई ऊर्जा और संसाधनों का संचार होगा।
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