- राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने किसान मेला का उद्घाटन किया।
- सिंचाई व्यवस्था की कमी को झारखंड का सबसे बड़ा दुर्भाग्य बताया।
- कृषि, पशुपालन और मछली पालन को बढ़ावा देने पर बल।
मेदिनीनगर: पलामू जिले के शिवाजी मैदान में सोमवार को जिला कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग द्वारा जिला स्तरीय किसान मेला सह फसल प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने दीप प्रज्वलित कर किया।
सिंचाई और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर मंत्री का बयान
मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने मेले में पलामू के जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सिंचाई के अभाव में पलामू सहित झारखंड के अधिकतर जिलों की खेती प्रभावित है। उन्होंने बताया, “हरियाणा, पंजाब, राजस्थान जैसे राज्यों में कम बारिश के बावजूद जल संचयन की बेहतर व्यवस्था है, लेकिन झारखंड में वर्षा जल रोकने की व्यवस्था नहीं है।”
मंत्री ने सुझाव दिया कि किसानों को नकदी फसल, पशुपालन, मछली पालन और बागवानी की ओर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने महिलाओं को केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) का लाभ देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
पलामू के लिए विकास योजनाओं का प्रस्ताव
मंत्री ने पलामू में कृषि विश्वविद्यालय, कोल्ड स्टोरेज, और महुआ प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कोयल नदी पर बियर बनाने की योजना की जानकारी दी, जिसे अगले वित्तीय वर्ष में स्वीकृत किया जाएगा।
प्रगतिशील किसानों के लिए वैज्ञानिक सुझाव
कार्यक्रम में क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र चियांकी के वैज्ञानिक प्रमोद कुमार और अन्य विशेषज्ञों ने किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों, बीज, और खाद के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पलामू की मिट्टी स्ट्राबेरी, अमरूद, संतरा, नींबू, और पपीता जैसी फसलों के लिए उपयुक्त है। किसानों को समूह में खेती करने और कम पानी वाली फसलें उगाने की सलाह दी गई।
फसल प्रदर्शनी और योजनाओं की जानकारी
कृषि विभाग द्वारा आयोजित सब्जी और फल प्रदर्शनी का उद्घाटन मंत्री ने किया। सहकारिता, पशुपालन, मत्स्य, और उद्यान विभाग ने अपने-अपने स्टॉल के माध्यम से सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। मेले में बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।
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