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झारखंड मुक्ति मोर्चा केंद्रीय समिति सदस्य फिरोज अली ने दी श्रद्धांजलि: स्व जॉर्ज तिर्की की अंतिम यात्रा में हुए शामिल

#सिमडेगा #श्रद्धांजलि : आदिवासी अस्मिता और अधिकारों के मजबूत पैरोकार रहे स्व जॉर्ज तिर्की

सिमडेगा। उड़ीसा के सुंदरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रहे वरिष्ठ नेता स्व. जॉर्ज तिर्की का निधन हो गया। रविवार को उनकी अंतिम यात्रा में लाखों की संख्या में लोग शामिल हुए। मिसा पूजा के उपरांत कब्र पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

फिरोज अली ने जताई शोक संवेदना

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय समिति सदस्य फिरोज अली ने व्यक्तिगत रूप से शोक संवेदना व्यक्त की और अंतिम यात्रा में शामिल होकर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा—

फिरोज अली: “स्व जॉर्ज तिर्की जी से मेरा व्यक्तिगत भी अच्छा संबंध था। यह खबर सुनकर मैं बेहद आहत हूँ। उनके द्वारा किए गए कार्यों के कारण उनकी लोकप्रियता उड़ीसा के साथ-साथ झारखंड के आदिवासी समाज में भी काफी थी। वे राजनीति के साथ-साथ सामाजिक जीवन में भी मार्गदर्शक रहे। आदिवासी अस्मिता और अधिकारों की लड़ाई में उनका योगदान ऐतिहासिक है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।”

लोकप्रियता और योगदान

स्व. जॉर्ज तिर्की अपने सादगीपूर्ण व्यक्तित्व और संघर्षशील जीवन के लिए जाने जाते थे। वे न केवल जनता के बीच जनप्रिय नेता थे, बल्कि आदिवासी समाज की आवाज भी बने रहे। उनकी नीतियाँ और विचार आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।

न्यूज़ देखो: अस्मिता और संघर्ष की विरासत

स्व. जॉर्ज तिर्की का जीवन यह संदेश देता है कि असली नेता वह है, जो जनता के बीच रहकर उनके अधिकारों और अस्मिता की लड़ाई लड़ता है। आज उनके जाने से समाज को गहरी क्षति हुई है, लेकिन उनकी विचारधारा और संघर्षशीलता हमेशा जीवित रहेगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

श्रद्धांजलि और संकल्प

अब समय है कि हम सब मिलकर स्व. जॉर्ज तिर्की के अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लें। उनकी तरह समाज के हर वर्ग की आवाज़ बनें और संघर्ष की उस विरासत को आगे बढ़ाएँ। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि यह संदेश दूर तक पहुँच सके।

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