झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता ने रक्तदान कर बचाई महिला की जान

गिरिडीह के बरगंडा इलाके की भगवानी देवी, जो गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं, को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत नाज़ुक थी क्योंकि ऑपरेशन के लिए ज़रूरी खून उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। परिजनों की आंखों में चिंता और थकावट साफ झलक रही थी क्योंकि रक्त की तलाश में वे हर दरवाज़ा खटखटा चुके थे।

और तभी, मैदान में उतरे झारखंड मुक्ति मोर्चा के युवा नेता मो. हसनैन अली। जैसे ही उन्हें इस संकट की जानकारी मिली, अपने सारे निजी कार्यक्रम छोड़कर अस्पताल पहुंचे। बिना देरी किए, उन्होंने भगवानी देवी के लिए रक्तदान किया और उनकी जान बचाने का एक बड़ा काम कर दिखाया।

“मुझे गर्व है कि मैं किसी की ज़िंदगी बचाने के काम आ सका। अभी तक 38 बार रक्तदान कर चुका हूं, और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा,” हसनैन अली ने बताया।

यह सिर्फ रक्तदान नहीं, बल्कि यह एक संदेश है—इंसानियत सबसे ऊपर है। हसनैन अली ने यह साबित कर दिया कि एक सच्चा नेता वही है, जो जरूरतमंदों के लिए हमेशा खड़ा हो।

इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के युवा नेता केवल राजनीति तक सीमित नहीं, बल्कि समाज सेवा में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

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