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भागीदारी न्याय सम्मेलन में झारखंड ने दर्ज की मजबूत आवाज: सुधीर चंद्रवंशी की नेतृत्वकारी भूमिका

#दिल्ली #भागीदारीन्याय : झारखंड के नेताओं ने ओबीसी अधिकारों की रक्षा के लिए नई रणनीति पर जताया संकल्प

झारखंड के लिए गौरव का क्षण तब आया जब भागीदारी न्याय सम्मेलन में उसकी उपस्थिति न सिर्फ संख्यात्मक रूप से बल्कि विचारधारा के स्तर पर भी मजबूत रही। नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित यह सम्मेलन पूरे देश से आए ओबीसी नेताओं के लिए एकजुटता का प्रतीक बना। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य संवैधानिक अधिकारों की रक्षा और सामाजिक न्याय के सवालों पर ठोस रणनीति तैयार करना था।

झारखंड का नेतृत्व और दमदार उपस्थिति

इस सम्मेलन में झारखंड से सुधीर कुमार चंद्रवंशी ने नेतृत्व किया। उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, कैबिनेट मंत्री इरफान अंसारी, विधानसभा दल के नेता प्रदीप यादव, विधायक अंबा प्रसाद, ओबीसी प्रभारि सुरजीत नागवाला और कई अन्य प्रमुख नेता मौजूद थे। गढ़वा, पलामू, लातेहार समेत विभिन्न जिलों के जिलाध्यक्ष और प्रवक्ता भी बड़ी संख्या में शामिल हुए।

“जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी भागीदारी” की गूंज

सम्मेलन का मुख्य नारा यही रहा “जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी भागीदारी”। सुधीर चंद्रवंशी ने इसे संवैधानिक अधिकार बताते हुए कहा:

सुधीर कुमार चंद्रवंशी ने कहा: “बाबूलाल मरांडी की पूर्व बीजेपी सरकार ने झारखंड में ओबीसी आरक्षण 27% से घटाकर 14% कर दिया, जो सरासर अन्याय है। कांग्रेस पार्टी इस अन्याय के खिलाफ हर स्तर पर लड़ाई लड़ रही है।”

संस्थानों में OBC प्रतिनिधित्व पर चिंता

उन्होंने बताया कि देश के बड़े संस्थानों में ओबीसी की भागीदारी अभी भी संतुलित नहीं है

सुधीर कुमार चंद्रवंशी ने कहा: “हम अवसर की मांग करते हैं, भीख नहीं। डॉ. भीमराव आंबेडकर का सपना था कि कोई भी समाज कमजोर न समझा जाए, लेकिन वर्तमान हालात इसके खिलाफ जा रहे हैं।”

शिक्षा ही सशक्तिकरण की कुंजी

उन्होंने देश में स्कूल बंद होने और शराब ठिकानों को बढ़ावा देने पर सरकार की आलोचना की।

सुधीर कुमार चंद्रवंशी ने कहा: “अगर हमारे बच्चे पढ़ेंगे तभी समाज आगे बढ़ेगा। स्कूल बंद कर दारू के अड्डे खोलना बंद होना चाहिए।”

कांग्रेस का रुख और राष्ट्रीय संदेश

सम्मेलन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पार्टी समानता की लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने राहुल गांधी को सामाजिक न्याय का मजबूत पैरोकार बताया।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा: “हम सबको ऐसा काम करना है कि सर्वसमाज का आशीर्वाद हमारे साथ रहे और समानता की लड़ाई को आगे बढ़ाया जाए।”

देशभर से आए ओबीसी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सम्मेलन में एक स्वर से यह संदेश दिया कि ओबीसी समाज को उसका संवैधानिक हक दिलाने के लिए संघर्ष जारी रहेगा

न्यूज़ देखो: सामाजिक न्याय की दिशा में झारखंड की बुलंद आवाज

यह सम्मेलन केवल एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि ओबीसी अधिकारों की लड़ाई में नए अध्याय की शुरुआत है। झारखंड के नेताओं ने जो संदेश दिया, वह पूरे देश में गूंजा है। अब सवाल यह है कि क्या सरकारें इस आवाज को सुनेंगी?
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अब समय है सजग समाज की भूमिका निभाने का

सामाजिक न्याय केवल कानून से नहीं, जनभागीदारी से संभव है। हमें शिक्षा, समानता और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा में अपनी भूमिका निभानी होगी।
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