झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद राज्य में चुनावी माहौल गरमाने लगा है। चुनाव दो चरणों में संपन्न होंगे – पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को और दूसरे चरण का 20 नवंबर को होगा। परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव के लिए झारखंड पुलिस ने व्यापक सुरक्षा इंतजामों की तैयारी शुरू कर दी है, खासकर नक्सल प्रभावित इलाकों में।
11 हजार अर्धसैनिक बल के जवान तैनात
चुनाव में सुरक्षा के लिए झारखंड में 119 कंपनी अर्धसैनिक बल की तैनाती की जाएगी, जिनमें 11 हजार जवान शामिल होंगे। इनमें से 91 कंपनियां राज्य में पहुंच चुकी हैं। झारखंड पुलिस ने चुनाव आयोग से कुल 590 कंपनियों की मांग की थी, ताकि हर जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जा सके और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान सुचारु रूप से हो सके।
अर्धसैनिक बल की तैनाती का ब्योरा:
- बीएसएफ: 43 कंपनियां
- सीआरपीएफ: 36 कंपनियां
- आईटीबीपी: 15 कंपनियां
- सीआईएसएफ: 10 कंपनियां
- एसएसबी: 15 कंपनियां
- कुल: 119 कंपनियां
हर जिले में 3 से 5 कंपनियां तैनात
राज्य के हर जिले में 3 से 5 कंपनियों को तैनात किया जाएगा। ये जवान फ्लैग मार्च, एरिया डोमिनेशन और सुरक्षा जांच जैसे कार्यों को अंजाम देंगे, ताकि आम जनता को यह महसूस हो कि चुनावी माहौल में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती का मुख्य उद्देश्य नक्सलियों और असामाजिक तत्वों की हर गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखना है।
लोकसभा चुनाव के अनुभव से मिला आत्मविश्वास
पिछले लोकसभा चुनाव 2024 में झारखंड पुलिस ने अपनी रणनीतिक क्षमता और सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बल पर नक्सली हिंसा की कई साजिशों को नाकाम किया था। पुलिस की रणनीति के चलते राज्य में चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ था। अब विधानसभा चुनाव में भी इसी सफलता को दोहराने की तैयारी की जा रही है। झारखंड पुलिस का मानना है कि नक्सली हिंसा का खतरा अब पहले जैसा नहीं रहा, और पुलिस इस चुनाव में भी बेहतर प्रदर्शन करेगी।