झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की सीटों में कमी देखी जा सकती है, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) का वर्चस्व बरकरार रह सकता है। 2019 के विधानसभा चुनाव में, जेएमएम ने 43 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से 30 सीटें जीती थीं। वहीं, कांग्रेस ने 31 सीटों पर चुनाव लड़ा और 16 सीटों पर जीत दर्ज की। आरजेडी को सात सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद केवल एक सीट पर सफलता मिली थी।
2024 चुनाव में सीट बंटवारा
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, इस बार ‘इंडिया गठबंधन’ के तहत जेएमएम 43 से 45 सीटों पर, कांग्रेस 28 से 30 सीटों पर, और आरजेडी 5 से 6 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। इसके अलावा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (सीपीआई-एमएल) को 3 से 4 सीटें मिल सकती हैं।
मासस के विलय से सीपीआई-एमएल की सीटें बढ़ने की संभावना
सीपीआई-एमएल में मासस के विलय के बाद पार्टी अधिक सीटों की मांग कर रही है। 2019 के चुनाव में बगोदर सीट से सीपीआई-एमएल के विनोद कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी, और इस बार पार्टी निरसा और सिंदरी सीटों पर भी दावेदारी कर रही है।
तेजस्वी यादव का रांची दौरा
आरजेडी के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव 18 अक्टूबर को रांची आ रहे हैं। उनके दौरे के दौरान आरजेडी की सीटों को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। 2019 में आरजेडी ने सात सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन केवल चतरा से सत्यानंद भोक्ता ही जीत हासिल कर सके थे। हालांकि, इस बार भोक्ता की स्थिति पेचीदा हो गई है क्योंकि उनकी जाति ‘भोक्ता’ को केंद्र सरकार ने अनुसूचित जनजाति में शामिल कर लिया है, जिससे वे अनुसूचित जाति की आरक्षित सीट से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। अब वे एसटी के लिए आरक्षित किसी सीट की तलाश में हैं।
चुनाव की तारीखें
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की तारीखें घोषित की जा चुकी हैं। झारखंड में दो चरणों में चुनाव होंगे—13 और 20 नवंबर को मतदान होगा, जबकि 23 नवंबर को मतगणना होगी।
निष्कर्ष
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में सीट बंटवारे को लेकर गठबंधन दलों के बीच सीटों की संख्या को लेकर मंथन जारी है। इस बार जेएमएम का प्रभाव अधिक दिखाई दे रहा है, जबकि कांग्रेस और आरजेडी की सीटों में कमी हो सकती है।