झारखंड के 29 वर्षीय विधायक जयराम महतो ने हाल ही में अपने पहले विधानसभा सत्र में जो मुद्दे उठाए, वे चर्चा का विषय बन गए हैं। उन्होंने हेमंत सरकार की नीतियों, खासकर ‘मंइया सम्मान योजना’ को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए। उनका मानना है कि इस योजना का क्रियान्वयन युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण के बजाय उन्हें निष्क्रिय बना रहा है।
मंइया सम्मान योजना पर सवाल क्यों?
हेमंत सोरेन सरकार द्वारा शुरू की गई मंइया सम्मान योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए बनाई गई थी।
- योजना के तहत, 18-25 वर्ष की महिलाओं को ₹2500 प्रति माह की राशि दी जा रही है।
- जयराम महतो ने आरोप लगाया कि यह योजना चुनावी रणनीति का हिस्सा है और इससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के बजाय सरकारी सहायता पर निर्भर किया जा रहा है।
महतो का तर्क: स्कॉलरशिप क्यों ज़रूरी है?
महतो ने कहा कि यह राशि स्कॉलरशिप के रूप में दी जानी चाहिए, जिससे युवा लड़कियों को शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिल सके।
उन्होंने कहा:
“सरकारी योजनाओं का उद्देश्य आत्मनिर्भरता होना चाहिए, न कि केवल सहायता देना।”
अनुपूरक बजट पर तीखे सवाल
विधानसभा सत्र में उन्होंने झारखंड सरकार के अनुपूरक बजट पर भी सवाल उठाए।
- महतो ने पूछा कि जब पूर्व में आवंटित बजट का सही इस्तेमाल नहीं हो पाता, तो अनुपूरक बजट का औचित्य क्या है?
- यह सवाल सरकार की वित्तीय नीतियों पर गहरी चिंता व्यक्त करता है।
सीजीएल परीक्षा विवाद पर कड़ा रुख
जयराम महतो ने झारखंड में हुई सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ियों पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी।
- उन्होंने कहा कि आयोग को छात्रों द्वारा दी गई शिकायतों पर ध्यान देना चाहिए।
- उनका बयान:
“अगर सबकुछ सही है, तो जांच कराने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।”
हेमंत सरकार की योजनाओं की आलोचना
महतो ने अन्य योजनाओं पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सरकार का ध्यान केवल चुनावी लाभ पर केंद्रित है।
- उन्होंने सभी विधायकों को टीए-डीए भत्तों का त्याग करने और शिक्षा पर अधिक ध्यान देने की सलाह दी।
- उनके अनुसार, नेताओं के बच्चों की शिक्षा और उनकी गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए।
महतो का साहसिक रुख
जयराम महतो ने सदन में ऐसे मुद्दे उठाए, जिन पर अन्य नेता चुप्पी साधे रहते हैं।
उनकी यह साफगोई झारखंड की राजनीति में एक नई सोच को दर्शाती है।
“हम केवल राजनीति करने नहीं, बल्कि झारखंड के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं।”
आगे की राह: योजनाओं का पुनर्मूल्यांकन आवश्यक
झारखंड में महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए योजनाओं की संरचना में बदलाव करना आवश्यक है।
- मंइया सम्मान योजना को स्कॉलरशिप में बदलने का सुझाव न केवल शिक्षा बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ा सकता है।
- योजनाओं का दीर्घकालिक प्रभाव समाज को आत्मनिर्भर बनाने पर केंद्रित होना चाहिए।
जयराम महतो ने अपने पहले सत्र में यह स्पष्ट कर दिया है कि वे झारखंड के विकास और युवाओं के हितों को लेकर प्रतिबद्ध हैं। उनके साहसिक रुख ने उन्हें झारखंड की राजनीति में एक नई पहचान दिलाई है।